कैश फॉर जॉब घोटाले में लिप्त अभ्यर्थियों की फिर भर्ती
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को लगाई फटकार
कोलकाता, 02 जुलाई (एजेंसियां)। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले में शामिल रहे उम्मीदवारों को एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की एकल पीठ ने राज्य सरकार और स्कूल सर्विस कमीशन से तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि यह कदम सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। कोर्ट ने पूछा, जब सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि इन उम्मीदवारों की नियुक्तियां अवैध हैं और वे अब किसी भी भर्ती के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे, तो फिर उन्हें नए नोटिफिकेशन में आवेदन की अनुमति कैसे दी गई?
सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल 2025 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2016 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था, जिसमें 25,753 नियुक्तियों को भ्रष्टाचारपूर्ण मानते हुए खारिज किया गया था। कोर्ट ने यह भी माना था कि इस घोटाले में ईमानदार और योग्य अभ्यर्थियों का हक छीना गया। हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि सर्विस कमीशन ने भर्ती प्रक्रिया में वेटेज क्राइटेरिया में बदलाव कर दिया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के पुराने नियमों को ही लागू रखने का आदेश दिया था। पुराने नियमों में जहां लिखित परीक्षा के लिए 55 अंक और शैक्षणिक योग्यता के लिए 35 अंक निर्धारित थे, वहीं नए नोटिफिकेशन में यह अनुपात बदलकर क्रमश: 60 और 10 कर दिया गया है। कोर्ट ने सवाल किया, इस बदलाव का आधार क्या है? जब शीर्ष अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं, तब इन नियमों में छेड़छाड़ किस उद्देश्य से की गई?
इस मामले में वे अभ्यर्थी भी अदालत पहुंचे हैं, जो 2016 की भर्ती प्रक्रिया में ईमानदारी से सफल हुए थे लेकिन भ्रष्टाचार के चलते नौकरी नहीं मिल सकी। उनका तर्क है कि यदि अयोग्य उम्मीदवारों को फिर से मौका दिया जाता है, तो यह उनके साथ एक और अन्याय होगा। हालांकि राज्य सरकार और भर्ती कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई अभी लंबित है, लेकिन हाईकोर्ट ने संकेत दिया कि वह इस बहाने से जिम्मेदारी टालने की अनुमति नहीं देगा। कोर्ट ने राज्य सरकार और भर्ती कमीशन से इस पूरे मामले पर स्पष्ट और ठोस जवाब मांगा है। अगली सुनवाई में यह तय हो सकता है कि क्या घोटाले में शामिल उम्मीदवारों को दोबारा भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाएगा या नहीं।