75 बोगस फर्मों से 200 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी
रिक्शा चालक को मालिक बनाकर किया 10 करोड़ का धंधा
मुरादाबाद, 02 जुलाई (ब्यूरो)। मुरादाबाद मंडल की 75 बोगस फर्मों द्वारा करीब 200 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। इन फर्मों ने 1200 करोड़ रुपए का फर्जी टर्नओवर दिखाया था। ठाकुरद्वारा, रामपुर और उत्तराखंड के काशीपुर-जसपुर के लकड़ी कारोबारियों की संलिप्तता पाई गई है। जांच के दौरान पांच नई बोगस फर्मों से 10 करोड़ की टैक्स चोरी उजागर हुई।
मुरादाबाद मंडल की 75 बोगस फर्मों ने करीब 200 करोड़ की जीएसटी चोरी की है। इन फर्मों ने 1200 करोड़ रुपए का टर्नओवर दर्शाया है। इस मकड़जाल में मुरादाबाद, उत्तराखंड, रामपुर के लकड़ी कारोबारी शामिल हैं। जांच करने पहुंचे राज्य कर एक अधिकारी ने ठाकुरद्वारा की एक फर्म के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर दी है। अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह, ग्रेड-2 आरए सेठ जीएसटी चोरी के मामलों की छानबीन के लिए मंगलवार को ठाकुरद्वारा पहुंचे। जांच के दौरान पांच बोगस फर्मों से दस करोड़ की टैक्स चोरी का मामला प्रकाश में आया। उत्तराखंड के काशीपुर, जसपुर और यूपी के ठाकुरद्वारा में जीएसटी चोरी करने के लिए लकड़ी की पांच-पांच बोगस फर्में बनाई गई थी।
एक ही मोबाइल नंबर पर इन फर्मों का सीजीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। ठाकुरद्वारा में एसके एंटरप्राइजेज के स्वामी मोहम्मद यामीन, जिंदल इंटरप्राइजेज के सैफ अली, एचएन ट्रेडर्स के कमर अली, लेंबा ट्रेडर्स के नफीस अहमद और एजेड ट्रेडर्स के अजीम उर रहमान शामिल है। राज्य कर अधिकारियों ने बुध बाजार, पंजाब नेशनल बैंक, मुख्य बाजार, नूरी मार्केट सहित कई स्थानों पर जाकर बोगस फर्मों के पते की तलाश की लेकिन किसी का सही लोकेशन नहीं मिल सका। अपर आयुक्त ग्रेड-2 का कहना है कि 2020 से अभी तक की बोगस फर्मों की जांच चल रही है। इनमें 1200 करोड़ का टर्नओवर और 200 करोड़ की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। इसी कारण शासन भी मुरादाबाद की जीएसटी चोरी को जड़ से उखाड़ने के लिए सक्रिय है।
लकड़ी का कारोबार करने से जताई अनभिज्ञता इस बीच टीम ने मोबाइल नंबर पर रजिस्ट्रेशन करने वाले की तलाश की गई। राज्य कर की टीम ने उसे तिकोनिया स्टैंड पर बस से उतरते हुए पकड़ लिया। उसने अपना नाम यामीन बताया है। पता चला कि यामीन के नाम पर करीब पांच करोड़ का टर्नओवर दिखाया गया है। पूछने पर उसने लकड़ी का कारोबार करने से अनभिज्ञता जताई है। जांच में एक रिक्शा चालक ने राज्य कर अधिकारियों को बताया कि वह एक दिन उत्तराखंड के काशीपुर स्थित जन सुविधा केंद्र गया था। वहां कुछ लोगों ने पैसे का लालच देकर कागजात मांगे। पता चला कि रिक्शा चालक को सीजीएसटी में फर्म का मालिक घोषित कर दस करोड़ की खरीद फरोख्त की गई है।
राज्य कर के अपर आयुक्त ग्रेड-2 आरए सेठ ने बताया कि 99 प्रतिशत बोगस फर्में सीजीएसटी के माध्यम से पंजीकृत की गई है। इस मामले में प्रदेश शासन को पत्र लिखा जाएगा कि सीजीएसटी के अधिकारी स्थानीय ही फर्मों का पंजीयन करें। दूसरे स्थानों के अधिकारी कागजात देखकर पंजीयन न करें अन्यथा बोगस फर्में सभी को परेशान करेगी। प्रदेश जीएसटी में बोगस फर्मों की गुंजाइश न के बराबर होती है। राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी चोरी अभियान में 350 ट्रक बगैर कागजात पकड़े गए हैं। प्रतिदिन दो या तीन ट्रक मोबाइल दस्तों द्वारा पकड़े जाते हैं। दो माह में साढ़े चार करोड़ जीएसटी के रूप में वसूला गया है। इस धंधे में शामिल लोग ट्रक का जीपीएस लोकेशन लॉक कर देते हैं। इसके बाद ट्रक को पकड़कर लाना आसान नहीं होता है। इस मामले में अब ट्रक आपरेटरों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा।