बाजरा किसानों को प्रोत्साहित कर रही यूपी सरकार

बाजरे की संकर प्रजाति के बीज पर मिल रहा अनुदान

बाजरा किसानों को प्रोत्साहित कर रही यूपी सरकार

लखनऊ20 जुलाई (एजेंसियां)। बाजरा श्रीअन्न की प्रमुख फसल है। उत्तर प्रदेश में धानगेहूं एवं मक्का के पश्चात लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा की खेती की जाती है। बाजरा के दानो में भरपूर पौष्टिकता होती है। विशेष रूप से फाइबरप्रोटीनविटामिन बी कॉम्पलेक्सकैल्शियमफास्फोरस एवं मैगनीज तत्वों के साथ एन्टीआक्सीडेंट भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैजो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती है। इससे बाजार में इसकी मांग है। बाजरा के प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। बाजरा के उत्पाद मधुमेह के नियंत्रणहृदय के स्वास्थ्य सुधार हेतु उपयुक्तग्लुटेन मात्रा कम पाए जाने के कारण पेट के रोगों से राहत दिलाने में सहयोग के साथ ही वर्तमान समय में मोटापा कम करने और वजन सुधार में भी लाभदायक है। इसके अतिरिक्त वैज्ञानिक शोध एवं तकनीकी विकास के कारण बाजरे के दानों से कई प्रकार की औषधियों का भी निर्माण किया जा रहा है। योगी सरकार इन्हीं गुणों को देखते हुए बाजरा (श्रीअन्न) किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।

बाजरा की खेती अपेक्षाकृत कम वर्षा (400-500 मिमीमें भी की जा सकती है। वर्तमान में लगभग प्रदेश के 29 जनपदों में औसत से कम वर्षा पाई गई है। जहां कम वर्षा के कारण धान की खेती नहीं की जा सकतीकिसानों के लिए उन क्षेत्रों में बाजरा की फसल लेना लाभदायक सिद्ध होगा। बाजरा की फसल लगभग धान की असफल बुवाई की स्थिति में अगस्त माह के मध्य तक कर सकते हैं। फसल की अवधि अधिकतम 80-85 दिन होने के कारण 10 नवम्बर के पूर्व कटाई कर रबी की फसल की बुवाई समय से की जा सकती है। बाजरा की फसल से 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिल जाती हैतो दूसरी तरफ धान की अपेक्षा लागत कम होने एवं बाजरा का बाजार मूल्य अधिक होने के कारण प्रति इकाई किसानों को अपेक्षाकृत अधिक लाभ की संभावना हो सकती है। बाजरा की संकर प्रजाति 86एम84, बायो-8145, एनबीएच-5929 के साथ संकुल प्रजाति धनशक्ति की उत्पादन क्षमता 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है।

उत्तर प्रदेश में बहुत से क्षेत्रफल असमतल एवं वर्षा आधारित होने के कारण धान की खेती हेतु उपयुक्त नहीं होते हैं। ऐसी भूमि में भी बाजरा की खेती कर किसान अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं परंतु बुवाई से पूर्व भूमि जनित रोगों से बचाने के लिए ट्राइकोडरमाहारजीएनम प्रतिशत पाउडर का 2.50 किग्रा की मात्रा से भूमि शोधन करना आवश्यक होता है।  योगी सरकार राजकीय कृषि बीज भंडारों के माध्यम से बाजरे की संकर प्रजाति के बीज पर अनुदान उपलब्ध करा रही हैजिससे किसानों की लागत कम हो जाती हैदूसरी तरफ सरकार द्वारा बाजरे की फसल वर्ष 2022-23 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा का क्रय किया जा रहा है। इससे निःसंदेह ही किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त होने से अतिरिक्त लाभ प्राप्त करने की संभावना बढ़ सकती है। कृषि विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि खरीफ के मौसम में भूमि की उपयुक्तता के अनुसार बाजरे की खेती कर सरकारी योजनाओं के माध्यम से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं

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