मोबाइल कोर्ट के जरिए दिव्यांगों को मिल रहा त्वरित न्याय

मोबाइल कोर्ट के जरिए 677 शिकायतों का निस्तारण हुआ

 मोबाइल कोर्ट के जरिए दिव्यांगों को मिल रहा त्वरित न्याय

लखनऊ20 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें शीघ्र न्याय उपलब्ध कराने के लिए निरंतर सक्रिय है। इसी क्रम में राज्य आयुक्त की अध्यक्षता में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मोबाइल कोर्ट आयोजित किए जा रहे हैंजिनमें अब तक कुल 677 शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया है।

इन मोबाइल कोर्टों का आयोजन मेरठसुल्तानपुरअमेठीअयोध्याबाराबंकीश्रावस्तीगोंडाबहराइच और बलरामपुर जैसे जनपदों में किया गयाजहां दिव्यांगजनों की समस्याओं को मौके पर ही सुना गया और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी कर समाधान कराया गया। इस प्रयास से दिव्यांगजनों को उनके क्षेत्र में ही न्याय मिला और उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़े। दिव्यांगजनों से जुड़ी शिकायतों के शीघ्र निस्तारण हेतु प्रशासनिक जिम्मेदारी भी स्पष्ट की गई है। प्रदेश में राज्य आयुक्त दिव्यांगजन की नियुक्ति के साथ ही दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को अपर आयुक्त तथा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों को सहायक आयुक्त नामित किया गया है। इससे स्थानीय स्तर पर शिकायतों की निगरानी और समाधान की प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनी है। प्रदेश के 9 जिलों में मोबाइल कोर्ट आयोजित किया गया हैजिनमें अब तक प्राप्त कुल 677 शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया गया है। राज्य आयुक्त कार्यालय को वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 503 शिकायतें प्राप्त हुईंजबकि 2025-26 (अब तक) में 91 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 58 शिकायतों पर कार्रवाई पूरी हो चुकी हैजबकि 33 शिकायतें प्रक्रियाधीन हैं।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से प्राप्त मई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसारमुख्यमंत्री हेल्पलाइनऑनलाइन पोर्टलपीजीआई पोर्टल और मुख्यमंत्री संदर्भ के माध्यम से कुल 2,699 शिकायतें प्राप्त हुईंजिनमें से 2,660 का निस्तारण किया जा चुका है। यानी महज 39 शिकायतें ही लंबित हैंऔर विशेष बात यह है कि कोई भी शिकायत डिफॉल्टर की श्रेणी में नहीं है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार दिव्यांगजनों की समस्याओं को लेकर कितनी गंभीर और संवेदनशील है। चाहे वो पेंशन की समस्या होप्रमाण पत्र से जुड़ी अड़चनें हों या अन्य सामाजिक-सुविधाओं से जुड़ी शिकायतेंसरकार का तंत्र त्वरित गति से इनका समाधान कर रहा है। मुख्यमंत्री संदर्भ के अंतर्गत कुल 212 शिकायतें दर्ज हुईंजिनमें से 206 का समाधान किया जा चुका है। वहींपीजी पोर्टल पर 404 में से 394, ऑनलाइन माध्यम से 233 में से 229 तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त 1850 में से 1831 मामलों का निस्तारण कर लिया गया है।

मोबाइल कोर्ट के आयोजन दिव्यांगजनों को केवल त्वरित न्याय ही नहींबल्कि आत्मसम्मान और अधिकारों की पुनः स्थापना का अनुभव भी कराते हैं। यह पहल सबका साथसबका विकास की भावना को साकार करती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा दिव्यांगजनों के लिए समावेशी नीतियों पर बल दिया हैजिनका असर अब जमीनी स्तर पर साफ दिख रहा है

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