गाजियाबाद में मेट्रो का नया दौर, ब्लू, रेड और पिंक लाइन से अब हर कोना होगा कनेक्ट
गाजियाबाद, 26 जुलाई,(एजेंसी)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के यात्रियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने ब्लू लाइन मेट्रो का गाजियाबाद तक विस्तार करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे नोएडा और गाजियाबाद के बीच कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। इस कदम से लाखों दैनिक यात्रियों को लाभ होने और शहर के प्रमुख इलाकों में यातायात की भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है। डीएमआरसी ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए मंज़ूरी मांगी है। डीएमआरसी ने प्रस्तावित विस्तार के तहत चार नए मेट्रो स्टेशनों के निर्माण हेतु विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से सैद्धांतिक मंज़ूरी का औपचारिक अनुरोध किया है। मंज़ूरी मिलने के बाद, यह परियोजना ब्लू लाइन के अंतर्गत नोएडा और गाजियाबाद के बीच एक निर्बाध कॉरिडोर बनाएगी।
प्रमुख कॉरिडोर और प्रस्तावित रूट विस्तार
वर्तमान में नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद और मोहन नगर से वैशाली तक के मार्गों पर 2020 से निर्माण कार्य चल रहा है। प्रारंभिक प्रस्तावों के अनुसार, इस योजना में ब्लू और रेड दोनों लाइनों पर कई नए कॉरिडोर के साथ-साथ पिंक लाइन का एकीकरण भी शामिल है।
प्रमुख विस्तार इस प्रकार हैं-
रेड लाइन विस्तार: न्यू बस अड्डा से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन तक 3 किमी का मार्ग, जिसमें 1 नया स्टेशन शामिल है।
ब्लू लाइन विस्तार 1: नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद तक 5.1 किमी का एलिवेटेड कॉरिडोर, जिसमें इंदिरापुरम, शक्ति खंड और वसुंधरा सेक्टर 5 के 5 स्टेशन शामिल हैं।
ब्लू लाइन विस्तार 2: वैशाली से मोहन नगर तक 4 किमी का एलिवेटेड खंड, जिसमें प्रह्लाद गढ़ी और वसुंधरा सेक्टर 14 सहित 4 स्टेशन शामिल हैं।
पिंक लाइन-रेड लाइन लिंक: गोकुलपुरी से अर्थला तक 12 किमी का विस्तार, जिसमें 4 किमी भूमिगत और 8 किमी एलिवेटेड खंड शामिल हैं, जिसमें हिंडन सिविल टर्मिनल सहित 8 स्टेशन शामिल हैं।
बेहतर हवाई अड्डा पहुँच और लोनी कनेक्टिविटी
प्रस्तावित विस्तार की एक प्रमुख विशेषता हिंडन सिविल हवाई अड्डे तक सीधी मेट्रो पहुँच है, जिससे गाजियाबाद और नोएडा के निवासियों के लिए हवाई यात्रा अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। गोकुलपुरी से अर्थला तक विस्तार से लोनी भी मेट्रो नेटवर्क के अंतर्गत आ जाएगा, जिससे दिल्ली सीमा के पास भीड़भाड़ कम होगी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा।