तटीय और मलनाड क्षेत्रों में भारी बारिश, मैदानी इलाकों में बारिश की कमी
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य में मानसून ने गति पकड़ ली है और तटीय, मलनाड, उत्तर कर्नाटक के बीदर और रायचूर जिलों में भारी बारिश हुई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है| पिछले कुछ दिनों से रुका हुआ मानसून लौट आया है| मलनाड में भारी बारिश से घरों और नारियल व सुपारी की फसलों को नुकसान पहुँचा है| कुछ जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है, जिससे वाहनों का आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है| सोरबा तालुका के बेलवंतकोप्पा में एक किसान के खेत पर एक विशाल पेड़ गिर गया| सुपारी का पौधा और टमाटर की फसल को नुकसान पहुँचा है| भारी बारिश के कारण पूरे तट पर रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है|
दक्षिण कन्नड़ जिले में लगातार बारिश हो रही है और एहतियात के तौर पर आंगनवाड़ी, प्राथमिक, उच्च विद्यालयों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है| उडुपी जिले में तूफान के साथ भारी बारिश हो रही है, जिससे करकला, एर्लापडी और बेलन गाँवों के घरों में पानी घुस गया है और आंशिक नुकसान हुआ है| उडुपी जिले के करकला से कुद्रेमुख को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ है| शिवमोग्गा में मूसलाधार बारिश के कारण ७ घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं| होसानगर, तीर्थहल्ली और सागर तालुकों में बारिश हो रही है| लिंगनमक्की जलाशय में जलस्तर बढ़ गया है| ३० हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है| कॉफी उत्पादक चिक्कमगलूरु में भी बारिश हो रही है, जहाँ श्रृंगेरी, एन.आर.पुरा, मुदिगेरे, भद्रावती सहित कई जगहों पर बारिश हो रही है| उत्तरी कर्नाटक के बीदर, रायचूर और कलबुर्गी जिलों में भी बारिश हो रही है|
रायचूर तालुक के फतेहपुर गाँव में खाड़ी तक अस्थायी रूप से बनाई गई सड़क पूरी तरह से बह गई है, जिससे ग्रामीण फँस गए हैं| मूसलाधार बारिश के कारण सड़क के पास खड़ा एक पानी का टैंकर भी बह गया है| कलबुर्गी जिले के सेदम तालुका में नाले उफान पर हैं और कई गाँवों का संपर्क टूट गया है| मौसम विभाग ने कहा है कि ३० जुलाई तक दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़, उडुपी, चिक्कमगलूरु और शिवमोग्गा में बारिश होने की संभावना है| बेंगलूरु, बेंगलूरु ग्रामीण, तुमकुरु, कोलार, चिक्कबल्लापुर, रामनगर, मांड्या, चित्रदुर्ग, मैसूरु और अन्य मैदानी इलाकों में बादल छाए हुए हैं और हल्की बारिश हो रही है| किसान अपने खेतों को तैयार करने और बुवाई की तैयारी के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं| बुवाई पहले ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन जुलाई बीत जाने के बाद भी ज्यादातर हिस्सों में बुवाई नहीं हो पाई है|