अंग्रेजी का पिट्ठू बना नैनीताल हाईकोर्ट

 हिंदी बोलने पर पीसीएस अफसर कोर्ट में अपमानित

अंग्रेजी का पिट्ठू बना नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल, 27 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हिंदी बोलने पर एक पीसीएस अफसर को अपमानित किया। अंग्रेजी बोलने, सुनने और लिखने की जिद ठाने बैठे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और आलोक माहरा ने पीसीएस अफसर की सारी योग्यता अंग्रेजी न बोलने के कारण तौल कर रख दी। अंग्रेजी के पिट्टू न्यायाधीशों ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश तक दे डाला कि वे पीसीएस अफसर की काबिलियत जांचें कि वह अंग्रेजी क्यों नहीं बोल-समझ सकते। अदालत ने एडीएम स्तर के अधिकारी की अंग्रेजी बोलने में असमर्थता पर उनकी योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए।

उल्लेखनीय है कि नैनीताल के एडीएम एवं निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी उत्तराखंड हाईकोर्ट में अंग्रेजी नहीं बोल पा रहे थे। उन्होंने कोर्ट से हिंदी में बातचीत की गुजारिश की और अंग्रेजी बोलने में असमर्थता जताई। इसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए और उनकी योग्यता की जांच करने के आदेश दे दिए। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक माहरा की खंडपीठ ने अंग्रेजी न बोल पाने के मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त और उत्तराखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे जांच करें कि अंग्रेजी में बात न कर पाने वाला कोई अधिकारी क्या अपनी कार्यकारी जिम्मेदारियां प्रभावी ढंग से निभा सकता है? इस प्रकरण की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होनी है।

विडंबना यह है कि अदालत द्वारा अंग्रेजी में बात न करने की वजह पूछे जाने पर अधिकारी ने स्पष्ट किया कि वे अंग्रेजी समझ सकते हैं लेकिन बोलने में समस्या होती है। इस पर पीठ ने सवाल उठाया कि क्या इस स्तर का अधिकारीजो अंग्रेजी में बात करने में सक्षम नहीं हैवह उच्च स्तर के प्रशासनिक या संवैधानिक कार्यों को प्रभावी रूप से संचालित कर सकता है?

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