प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर फैसला स्थगन
पेन ड्राइव मामला
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| के.आर. नगर की एक महिला से बलात्कार के मामले में गिरफ्तार पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर विशेष अदालत ने कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता के चलते फैसला १ अगस्त तक के लिए टाल दिया है|
बेंगलूरु विशेष अदालत के न्यायमूर्ति गजानन भट्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों से पूछा कि क्या इस मामले में एसआईटी द्वारा जब्त किए गए सैमसंग मोबाइल को सबूत माना जाए या नहीं| इस दौरान, जब विशेष लोक अभियोजक जगदीश, अशोक नायक और रेवन्ना के वकील अरुण जी ने सरकार की ओर से दलीलें पेश करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा बहस मत कीजिए| सिर्फ अपनी राय रखिए| चूँकि स्पष्टीकरण की आवश्यकता है, इसलिए अदालत ने बुधवार को फैसला नहीं सुनाया और आदेश १ अगस्त तक के लिए टाल दिया|
एसआईटी ने घटनास्थल का दौरा करते हुए सैमसंग मोबाइल को अपने कब्जे में ले लिया है| इसमें सैकड़ों अश्लील तस्वीरें कैद हुई हैं| जगदीश ने न्यायाधीश से इसे सबूत मानने का अनुरोध किया| प्रज्वल रेवन्ना के वकील अरुण ने इस पर आपत्ति जताई|
जाँचकर्ताओं के अनुसार, जब मामला दर्ज हुआ तब सैमसंग मोबाइल वहाँ मौजूद नहीं था| उन्होंने सवाल किया कि अदालत इसे सबूत कैसे मानेगी| तब न्यायाधीश ने कहा कि मेरे सामने बस यही सवाल है कि मोबाइल और गूगल लोकेशन को सबूत माना जाए या नहीं| चूँकि इस पर स्पष्टीकरण जरूरी है, इसलिए उन्होंने घोषणा की कि वह १ अगस्त को आदेश देंगे|
होलेनरसीपुर के कन्निकाडा स्थित घर का गूगल मैप दिया गया है, घर और मजदूरों के शेड को गूगल मैप पर दिखाया गया है| उन्होंने कहा कि प्रक्रिया गूगल मैप के आधार पर की गई थी| अंत में, अदालत ने सरकारी वकीलों को दोपहर तक स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया| प्रज्वल रेवन्ना पर एक घरेलू सहायिका के साथ बलात्कार करने और उसका वीडियो बनाने का आरोप है| प्रज्वल रेवन्ना अदालती कार्यवाही में मौजूद थे| पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान, कथित तौर पर प्रज्वल रेवन्ना से संबंधित अश्लील दृश्यों वाली पेन ड्राइव हासन निर्वाचन क्षेत्र में वितरित की गई थीं|
होलेनरसीपुर की एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर जाँच शुरू की गई थी| पुलिस ने इस मामले में ३१ मई, २०२४ को प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार किया| बाद में, पुलिस ने के.आर. नगर निवासी एक घरेलू सहायिका की शिकायत के आधार पर बलात्कार का मामला दर्ज किया| जाँच करने वाली विशेष जाँच दल (एसआईटी) ने आरोप पत्र दाखिल किया| इसके बाद, ३० दिसंबर, २०२४ को मामला मजिस्ट्रेट कोर्ट से जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया|
न्यायाधीश संतोष गजानन भट, जिन्होंने मामले के स्थानांतरण के ७ महीने के भीतर साक्ष्यों की सुनवाई पूरी कर ली, ने फैसला सुरक्षित रख लिया| २०२१ में कोविड महामारी के दौरान, होलनारसीपुर के गन्निकाडा स्थित एक फार्महाउस में रहने वाले प्रज्वल रेवन्ना ने घरेलू कामगार महिला को पानी लाने के बहाने जबरन पहली मंजिल पर ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया| यहाँ तक कि जब प्रज्वल की माँ भवानी रेवन्ना बेंगलूरु के बसवनगुडी स्थित घर की सफाई करने आई थीं, तब भी वह उन्हें तीसरी मंजिल पर ले गया और उनके साथ बलात्कार किया, और अपने मोबाइल फोन पर इसकी रिकॉर्डिंग कर ली|
बाद में, उसने सबूत मिटाने के इरादे से उस मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया जिस पर उसने घटना रिकॉर्ड की थी| उसने महिला को इस बारे में किसी को न बताने की धमकी भी दी| घटना के सबूत के तौर पर मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया गया वीडियो, पीड़िता का बयान और उसके अंडरवियर पर प्रज्वल रेवन्ना के वीर्य के धब्बे मिले|