पांच साल में 667 बाघों की मौत हुई

सरकारी आंकड़ों से हुआ आश्चर्यजनक खुलासा

पांच साल में 667 बाघों की मौत हुई

51 प्रतिशत बाघ टाइगर रिजर्व से बाहर मरे

नई दिल्ली, 29 जुलाई (एजेंसियां)। सरकारी आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि 2021 से 2025 तक भारत में हुई 667 बाघों की मौत हुई हैजिनमें से 51 प्रतिशत टाइगर रिजर्व के बाहर हुई हैंजिनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से सामने आए हैं। बाघों की इन मौतों को देखते हुए सरकार टाइगर्स आउटसाइड टाइगर रिजर्व योजना शुरू करने जा रही हैजो 17 राज्यों की 80 फॉरेस्ट डिवीजन को कवर करेगी। इसी बीचभारत की पहल पर शुरू हुए इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस में अब तक 24 देशों ने शामिल होने पर सहमति दी है।

भारत में 2021 से लेकर अब तक जितने भी बाघों की मौत हुई हैउनमें से आधे से ज्यादा टाइगर रिजर्व के बाहर हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा बाघों की मौत के मामले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से सामने आए हैं। सरकार के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के मुताबिक2021 से लेकर 2025 तक कुल 667 बाघों की मौत हुई हैजिनमें से 341 यानी 51 फीसदी मौतें टाइगर रिजर्व के बाहर हुई हैं। हर साल के हिसाब से 2021 में 129 बाघों की मौत हुई2022 में 1222023 में 1822024 में 126 और 2025 में अब तक 108 बाघों की मौत हो चुकी है। इनमें से टाइगर रिजर्व के बाहर 2021 में 642022 में 522023 में 1002024 में 65 और 2025 में अब तक 60 बाघों की मौत दर्ज हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 111 बाघों की मौत टाइगर रिजर्व के बाहर हुई हैइसके बाद मध्य प्रदेश में 90 ऐसी मौतें हुई हैं।

2021 में महाराष्ट्र में 23मध्य प्रदेश में 18केरल में 5 और तेलंगाना में 4 बाघों की मौत रिजर्व के बाहर हुई। 2022 में महाराष्ट्र में 18मध्य प्रदेश में 12और केरल व उत्तराखंड में 4-4 बाघों की मौत रिजर्व से बाहर दर्ज की गई। 2023 में महाराष्ट्र में 34मध्य प्रदेश में 13केरल और उत्तराखंड में 11-11 और कर्नाटक में 6 बाघों की मौत टाइगर रिजर्व से बाहर हुई। 2024 में मध्य प्रदेश में 24 और महाराष्ट्र में 16 बाघों की मौत टाइगर रिजर्व से बाहर हुई।

2025 में अब तक महाराष्ट्र में 20मध्य प्रदेश में 13केरल में 8 और कर्नाटक में 7 बाघों की मौत रिजर्व के बाहर हुई है। एनटीसीए के आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि 2012 से 2024 तक कुल 1,519 बाघों की मौत हुईजिनमें से 634 यानी 42 फीसदी मौतें टाइगर रिजर्व के बाहर दर्ज की गईं। इस समय भारत में अनुमानित 3,682 बाघों में से लगभग 30 फीसदी बाघ टाइगर रिजर्व के बाहर रहते हैं।

Read More विकास कार्यों के प्रति उदासीनता बरत रहे हैं नौकरशाह

इन इलाकों में इंसानों और बाघ के टकराव को कम करने के लिए सरकार जल्द ही टाइगर्स आउटसाइड टाइगर रिजर्व (टीओटीआर) नाम की योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत 17 राज्यों की 80 फॉरेस्ट डिवीजन को कवर किया जाएगा। 2022 में की गई बाघों की संख्या की गणना के अनुसारमध्य प्रदेश में 785कर्नाटक में 563उत्तराखंड में 560महाराष्ट्र में 444तमिलनाडु में 306असम में 229केरल में 213 और उत्तर प्रदेश में 205 बाघ मौजूद हैं।

Read More चीनी तकनीक पर भरोसे ने ले ली आतंकियों की जान

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को बताया कि 24 देशों ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) में शामिल होने पर सहमति जताई है। यह भारत की अगुवाई में शुरू की गई एक वैश्विक पहल हैजिसका मकसद बड़ी बिल्ली की सात प्रजातियों की सुरक्षा करना है। आईबीसीए की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिकफिलहाल 12 देश इस गठबंधन (अलायंस) के सदस्य हैं। इनमें भारतआर्मीनियाभूटानकंबोडियाइथियोपियाएस्वातिनीगिनीलाइबेरियानिकारागुआरवांडासोमालिया और सूरीनाम शामिल हैं। भूपेंद्र यादव अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि भारत में 2014 में जहां 46 टाइगर रिजर्व थेअब उनकी संख्या बढ़कर 58 हो गई है। उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के राष्ट्रीय पशु की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यक्रम में उन्होंने एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की घोषणा भी की। इसके तहत देश के सभी 58 टाइगर रिजर्व में एक लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे।

Read More अभिनेत्री राम्या के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट पर कड़ी कार्रवाई होगी: परमेश्वर

Tags: