जंगल में सुपारी की जगह उग आए घुसपैठिए
11,000 बीघा वनक्षेत्र से हटाया जा रहा अवैध कब्जा
2000 बांग्लादेशी परिवारों का कब्जा हटा, वापस भेजे जाएंगे
गोलाघाट (असम), 29 जुलाई (एजेंसियां)। असम सरकार ने गोलाघाट जिले के रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट की लगभग 11,000 बीघा जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए बड़ा बेदखली अभियान शुरू किया है। यह इलाका असम-नागालैंड सीमा पर स्थित है, जहां करीब 2,000 बांग्लादेशी परिवारों ने अवैध रूप से बसेरा बना रखा था। अब उन्हें देश से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में करीब 11,000 बीघा जमीन पर अवैध रूप से लगभग 2,000 परिवारों ने कब्जा कर रखा था। इनमें से लगभग 1,500 परिवारों को नोटिस दिया गया था। बाकी के परिवारों के पास फॉरेस्ट राइट्स कमेटी (एफआरसी) से प्रमाणपत्र हैं और वे कानूनी रूप से जंगल क्षेत्र में रह रहे हैं। अवैध परिवारों की बेदखली कार्रवाई की शुरुआत बिद्यापुर बाजार क्षेत्र से हुई है और इसके बाद रहवासी इलाकों में घरों को तोड़ा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि लगभग 80 प्रतिशत लोग पहले ही अपने घर खाली कर चुके हैं, अब सिर्फ उनके खाली मकान गिराए जा रहे हैं।
गोलाघाट के रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट असम-नागालैंड सीमा पर स्थित है। यहां लगभग 2,000 अवैध घुसपैठिए परिवारों ने कब्जा कर लिया था। इसके कारण लगभग 3,600 एकड़ (11,000 बीघे) जमीन पर अवैध कब्जा जमा हुआ था। इस जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है।
गोलाघाट जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सरुपथार उप-मंडल में असम-नगालैंड सीमा पर उरियमघाट में रेंगमा वन अभयारण्य की लगभग 11,000 बीघा (3,600 एकड़ से अधिक) भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए मंगलवार 29 जुलाई की सुबह से बेदखली अभियान शुरू किया गया। बिद्यापुर क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान अवैध मकानों को तोड़ा जा रहा है। स्थानीयों के अनुसार, जिनके पास एफआरसी प्रमाणपत्र हैं वे बोडो, नेपाली समेत अन्य जनजातीय समुदायों से हैं। इसके अलावा स्थानीयों ने यह भी कहा कि जिनके घर अतिक्रमण के तहत तोड़े जा रहे हैं वे लगभग सभी मुस्लिम समुदाय से हैं।
अतिक्रमण हटाने के लिए क्षेत्र में वन विभाग के कर्मियों के साथ काफी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है। इस दौरान 12 गांवों के 2648 अवैध घरों को तोड़ा जा रहा है। इन गांवों में सोनारीबिल टॉप, नंबर 2 पिथाघाट, नंबर 2 और नंबर 3 दयालपुर, दलानपाथर, खेरबारी, वि