कहां गायब हो गया 4000 मीट्रिक टन कोयला!

केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी जवाब दें

कहां गायब हो गया 4000 मीट्रिक टन कोयला!

माफिया चुरा ले गया या बारिश बहा ले गया कोयला?

नई दिल्ली, 29 जुलाई (एजेंसियां)। केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना के भाजपा नेता जी किशन रेड्डी को भारत सरकार के कोयला मंत्री होने के नाते यह बताना चाहिए कि मेघालय की दो खदानों से निकला चार हजार मीट्रिक टन कोयला कहां गायब हो गया या उसे कहां गायब कर दिया गयाऐसे संवेदनशील मामले में चुप्पी साध कर या मेघालय के मंत्री किरमेन शायला की तरह यह कह कर कि सारा कोयला बारिश में बह गया, इससे बचा नहीं जा सकता। केंद्र के कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी भी यह जानते हैं कि कांग्रेसनीत यूपीए शासनकाल में हुआ 1.86 लाख करोड़ रुपए (या 1.86 रुपए के बाद दस शून्य) का घोटाला तो उजागर हो गया, लेकिन उसके बाद भाजपानीत एनडीए के शासनकाल में हुआ कोयला घोटाला उजागर होने से क्यों और कैसे बच गया।

बहरहाल, केंद्रीय कोयला मंत्री को फिलहाल यह तो बताना ही चाहिए कि चार हजार मीट्रिक टन कोयला किन माफिया तत्वों ने गायब किया और उसके एवज में सरकारी तंत्र को क्या मिला। यह मामला मेघालय उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने दो कोयला खदानों अवैध रूप से खनन किया गया लगभग 4,000 मीट्रिक टन कोयला गायब होने के बाद राज्य सरकार से कार्रवाई करने और केंद्र सरकार से कार्रवाई की निगरानी के लिए कहा है। कोयला गायब होने का मामला तब उजागर हुआ जब रिटायर्ड जज बीपी कटेकी की अगुवाई वाली समिति ने अदालत में अपनी रिपोर्ट पेश की। अदालत ने कोयला से जुड़े मामलों में राज्य सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा कर आवश्यक सुझाव देने सिफारिश करने के लिए कटेकी के नेतृत्व में समिति गठित की थी।

इससे पहलेमेघालय बेसिन विकास प्राधिकरण (एमबीडीए) ने री-भोई जिले के डिएंगन गांव स्थित एक खदान में 1,839.03 मीट्रिक टन कोयला दर्ज किया था। बाद में उसका दोबारा निरीक्षण किया गया तो वहां केवल 2.5 मीट्रिक टन कोयला ही पाया गया। इसी तरहपश्चिमी खासी हिल्स जिले के राजाजू गांव के डिपो में केवल 8 मीट्रिक टन कोयला मिला, जबकि पहले एमबीडीए द्वारा 2,121.62 वहां मीट्रिक टन कोयला दर्ज किया गया था।

न्यायमूर्ति एचएस थांगखियू और न्यायमूर्ति डब्लू डिएंगदोह की खंडपीठ ने कहा कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय है। अवैध रूप से खनन किया गया कोयला जब्त होने के बावजूद उसे अज्ञात लोगों द्वारा गायब कर देना अत्यंत गंभीर मामला है। अदालत ने राज्य सरकार को इस घोटाले में लिप्त सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और कोयला गायब करने वाले माफिया तत्वों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। सरकार के एक नुमाइंदे ने कहा कि सरकार ने अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) दाखिल की हैजिसमें दक्षिण गारो हिल्स जिले में अवैध रूप से खनन किए गए कोयले के संबंध में उठाए गए कदमों और राजाजू तथा डिएंगनगन डिपो से कोयले के गायब होने का भी जिक्र है। जबकिअदालत ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के संकेत के अलावा स्टेटस रिपोर्ट में और कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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विडंबना यह है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने 2014 में रैट-होल कोयला खनन पर प्रतिबंध लगा दिया थालेकिन मेघालय में कोयले के अवैध खनन और परिवहन में कोई कमी नहीं आई। इससे पहलेकोल इंडिया लिमिटेड अवैध खनन और परिवहन से संबंधित अदालती आदेशों के बाद सूचीबद्ध कोयले की नीलामी और परिवहन की प्रक्रिया में शामिल था। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जब यह पाया गया कि कुछ डिपो में सूचीबद्ध कोयले की मात्रा नीलामी और परिवहन के बाद भी कम नहीं हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अवैध रूप से और ताजा खनन किया गया कोयला डिपो में रखा गया था ताकि उसे सूचीबद्ध कोयला जैसा दिखाया जा सके।

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मेघालय में 4,000 मीट्रिक टन कोयला गायब होने की घटना मेघालय बेसिन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमबीडीए) द्वारा एक डिपो में दर्ज 1,839.03 मीट्रिक टन कोयले के अलावा है। इस मामले में रिटायर्ड जस्टिस बीपी कटेकी समिति ने लापता कोयले और उसके परिवहन के बारे में गंभीर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने मेघालय में कोयले के अवैध व्यापार और परिवहन की पुरानी समस्या को एक बार फिर उजागर किया है। यानि, कोयले के अवैध खनन, परिवहन और व्यापार पर अंकुश लगाने की कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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इतने संवेदनशील मामले में मेघालय के मंत्री किरमेन शायला का बयान हास्यास्पद है या चालाकी भरा, इसे समझा जा सकता है। मंत्री ने कहा, मेघालय में सबसे ज्यादा बारिश होती है। इसलिए इस भारी बारिश की वजह से कुछ भी हो सकता है। मंत्री का आशय यह था कि चार हजार मीट्रिक टन कोयला बारिश में बह गया और जितना कोयला चोरी नहीं ले जा पाया, वह बारिश से बच गया। मेघालय हाईकोर्ट के जस्टिस एचएस थांगखियू की अध्यक्षता वाली बेंच ने इतनी बड़ी मात्रा में कोयले के गायब होने और गायब होने की वजह के बारे में दिए जा रहे बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है।

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