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तिरुवनंतपुरम, 29 जुलाई (एजेंसियां)। नर्स निमिषा प्रिया को अपने यमनी साझेदार तलाल अब्दो की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। सजा के खिलाफ उसकी अपील खारिज होने के बाद इसी महीने 16 जुलाई को उसे मौत की सजा दी जानी थी। भारत सरकार और केरल के मुस्लिम संगठनों की पहल के बाद सजा को टाल दिया गया और अब उन्हीं संगठनों ने दावा किया कि सजा रद्द हो गई है, लेकिन अब इस दावे का भी खंडन हो गया है। कहा गया है सजा रद्द किए जाने के फैसले की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द होने पर संशय बरकरार है। दरअसल केरल के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबुबकर मुसलियार के कार्यालय की तरफ से दावा किया गया है कि निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा रद्द हो गई है। दावा किया गया कि जो सजा पहले टल गई थी, वह अब रद्द हो गई है। हालांकि अब तक केंद्र सरकार और यमन सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, इसलिए संशय बरकरार है।
ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबुबकर मुसलियार के करीबी अनुयायी, जवाद मुस्तफावी ने दावा किया, यमन की राजधानी सना में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद निमिषा प्रिया की मौत के फैसले को पलट दिया गया। जवाद मुस्तफावी ने दावा किया कि यह फैसला भारतीय ग्रैंड मुफ्ती के हस्तक्षेप के बाद लिया गया है। ग्रैंड मुफ्ती ने यमन के प्रसिद्ध सूफी विद्वान शेख उमर हफीज थंगल से अनुरोध किया था। मध्यस्थता वार्ता में यमन के अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों ने भी भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप यह नतीजा निकला। मुस्तफावी ने कहा कि चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और आगे की कार्यवाही मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार के साथ जारी बातचीत पर निर्भर करेगी।
केरल के पलक्कड़ की निवासी निमिषा प्रिया साल 2008 में एक नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन गई थीं। वहां कई अस्पतालों में काम करने के बाद निमिषा प्रिया साल 2011 में केरल वापस आईं और यहां टॉमी थॉमस से उनकी शादी हुई। दोनों की एक बेटी है, जो इस समय केरल में रहती है। साल 2015 में निमिषा ने यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक की शुरुआत की थी।
साल 2017 में महदी का शव एक वाटर टैंक में पाया गया और हत्या का आरोप निमिषा पर लगा। आरोप है कि निमिषा ने नींद की दवा की अधिक डोज देकर महदी की हत्या की और उनके शव को छिपाने की कोशिश की। इसके एक महीने बाद निमिषा को यमन-सऊदी अरब की सीमा से गिरफ्तार किया गया। निमिषा के वकील ने दलील दी कि महदी ने निमिषा का शारीरिक उत्पीड़न किया और उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था और निमिषा को धमकाया था। हालांकि तलाल अब्दो महदी के भाई ने इन आरोपों से इनकार किया। साल 2020 में, सना की एक अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई। साल 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस सजा को बरकरार रखा। निमिषा प्रिया फिलहाल सना जेल में बंद है।