भारत में खुलेंगे 15 विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मुंबई और बेंगलुरु में खुलेंगे 4 नए कैंपस
नई दिल्ली, 30 जुलाई (एजेंसियां)। देश के विद्यार्थियों को यहां रहते हुए ही विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। 15 विदेशी विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोलने जा रहे हैं। इनमें चार विश्वविद्यालयों के कैंपस नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मुंबई और बेंगलुरु में खुलेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के तीन विश्वविद्यालय में से वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी का कैंपस ग्रेटर नोएडा और विक्टोरिया यूनिवर्सिटी का कैंपस नोएडा में खुलेगा। ऑस्ट्रेलिया की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी का कैंपस बेंगलुरु में खुलेगा और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी अपना कैंपस मुंबई के पास खोलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के मौके पर भारत में कैंपस खोलने का आशय पत्र जारी किया गया। केंद्र सरकार ने चार विदेशी विश्वविद्यालयों को अपना पहला कैंपस भारत में खोलने की अनुमति दी है। भारत में कुल 11 विदेशी विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी हो चुका है, चार विदेशी विश्वविद्यालयों की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में इन चार विदेशी विश्वविद्यालयों को अपना पहला कैंपस भारत में खोलने की अनुमति दी गई है। ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा के कैंपस में स्नातक में बिजनेस एनालिटिक्स और बिजनेस मार्केटिंग के अलावा स्नातकोत्तर में नवोन्मेषण और उद्यमिता एवं एमबीए की पढ़ाई करवाएगी। अन्य समझौतों के तहत आयुर्वेद-आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान के लिए एआईआईए, जल शक्ति मंत्रालय के साथ भूजल प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा पर आईसीएआर और न्यूरोमोर्फिक इंजीनियरिंग पर आईआईएससी के साथ भी काम करेगी।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी, नोएडा में कैंपस बनाएगी। यह स्नातकोत्तर में बिजनेस, डाटा साइंस, साइबर सुरक्षा और एमबीए, आईटी में मास्टर की पढ़ाई करवाएगी। उधर, ऑस्ट्रेलिया की ही ला ट्रोब यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु कैंपस में स्नातक में बिजनेस, (फाइनेंस, मार्केटिंग, मैनेजमें
यूजीसी ने ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय को मुंबई में परिचालन की मंजूरी दे दी है। यह विश्वविद्यालय 2026 से परिचालन शुरू कर देगा। विवि ने मुंबई शहर को प्रौद्योगिकी, नवाचार और कला क्षेत्रों में अच्छी पकड़ के कारण इसी क्षेत्र में पढ़ाई करवाने की तैयारी की है। यूजी और पीजी कार्यक्रमों के अलावा एआई, डिजाइन तथा डिजिटल तकनीकों में भी काम करेगा।