सड़कछाप हरकतों पर स्पीकर ने दी सख्त चेतावनी
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा, तोड़फोड़ की कोशिश
सरकारी संपत्ति तोड़ने का अधिकार नहीं: ओम बिरला
नारों की तख्तियां लेकर सदन में करते रहे शोर-शराबा
नई दिल्ली, 18 अगस्त (एजेंसियां)। चुनाव आयोग द्वारा बिहार में किए गए मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी सांसदों ने आज लोकसभा और राज्यसभा में सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। विपक्षी सांसदों ने संसद को सड़कछाप बना कर रख दिया। नारों की तख्तियां लेकर सदन में ही प्रदर्शन करते रहे और शोर करते रहे। सांसदों ने सदन में तोड़फोड़ करने की भी कोशिश की, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें हिदायत दी कि सदन में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का उन्हें अधिकार नहीं है। सख्त कार्रवाई की चेतावनी मिलने पर विपक्षा सांसदों ने उपद्रव करना बंद किया, लेकिन शोर-शराबा करते रहे, जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पाई और उसे बार-बार स्थगित करना पड़ा।
संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों ही सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। संसद के निचले सदन में विपक्ष का बर्ताव आक्रामक होने की वजह से उन्हें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फटकार लगाई। उन्होंने चेतावनी दी कि विपक्ष के ऐसे बर्ताव की वजह से उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ सकती है। सदन में विपक्ष प्रश्नकाल के दौरान हंगामा कर रहा था। विपक्ष के नेता वेल तक पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। वे एसआईआर और अन्य मुद्दों पर विरोध दर्ज करा रहे थे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, यदि आप उसी ताकत से सवाल पूछते हैं जिसके साथ आप नारे लगा रहे हैं, तो यह देश के लोगों के लिए फायदेमंद होगा। लोगों ने आपको सरकारी संपत्ति को तोड़ने के लिए नहीं भेजा है और मैं आपसे अनुरोध करता हूं और आपको चेतावनी देता हूं कि किसी भी सदस्य को सरकारी संपत्ति को तोड़ने का विशेषाधिकार नहीं है। यदि आप सरकारी संपत्ति को तोड़ने की कोशिश करते हैं, तो मुझे कुछ निर्णायक फैसले लेने होंगे और देश के लोग आपको देखेंगे। कई विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं के लिए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मैं आपको फिर से चेतावनी देता हूं। सरकारी संपत्ति को नष्ट करने की कोशिश न करें। यह मेरा आपसे अनुरोध है।
इससे पहले बिहार में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ सोमवार को संसद भवन परिसर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने वोट चोर, गड्डी छोड़ और वोट चोरी बंद करो के नारे लगाए। उन्होंने वोट चोरी लिखा एक बड़ा बैनर और एसआईआर रोको की मांग वाले पोस्टर भी ले रखे थे।
दोपहर 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ विपक्ष की तरफ से जोरदार हंगामा किया गया। इस दौरान सरकार की तरफ से एक विधेयक पेश किया गया। वहीं पीठासीन स्पीकर ने विपक्ष के न शांत होने की स्थिति में सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी समेत अन्य सहित इंडी एलायंस के सांसदों ने चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने भाजपा और भारत के चुनाव आयोग के खिलाफ वोट चोरी के आरोप लगाए।
लोकसभा की कार्यवाही भी 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद नारेबाजी करते रहे और कुछ सांसद वेल तक आ गए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को समझाने की कोशिश की और ये चेतावनी भी दी कि अगर किसी सांसद ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो वे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को मजबूर हो जाएंगे। जब इस पर विपक्षी सांसदों का हंगामा बंद नहीं हुआ तो सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने शून्य काल भी नहीं चलने दिया।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, हमने संविधान की शपथ ली है कि देश के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। चुनाव आयोग ऐसे व्यवहार कर रहा है जैसे राहुल गांधी ही चुनाव आयोग हों। आप चुनाव आयोग हैं, आपको उठ रही आवाज़ों की जांच करनी चाहिए थी और सच्चाई सामने लानी चाहिए थी, लेकिन आप उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा हाल कर रहे हैं। गलती आपकी है और आप राहुल गांधी से हलफनामा मांग रहे हैं, आप हलफनामा दीजिए। चुनाव आयोग को जांच करानी चाहिए और जो आंकड़े हम मांग रहे हैं वह देने चाहिए।
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