एसआईटी को साजिश के पीछे की ताकतों का पता लगाने दीजिए: वी. सुनील कुमार
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जातियों और उपजातियों की सूची पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए ७ दिनों का समय दिया है| भाजपा राज्य महासचिव और विधायक वी. सुनील कुमार ने कहा कि हमने त्योहारों, छुट्टियों और लगातार सरकारी छुट्टियों के कारण इस ७ दिनों की अवधि को और बढ़ाने का अनुरोध किया है|
भाजपा के प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने आयोग अध्यक्ष को आपत्ति दर्ज कराने के लिए अतिरिक्त १० दिन का समय देने के लिए पत्र लिखा है| नेताओं की एक बैठक हुई| जब १,४०० जातियों की सूची की समीक्षा की गई, तो हमेशा की तरह मुसलमानों और मुस्लिम उपजातियों को सूची से बाहर रखा गया| इससे पहले, जयप्रकाश हेगड़े ने घोषणा की थी कि मुसलमानों में ९० जातियाँ हैं| उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग ने १,४०० जातियों को सूचीबद्ध करते समय इसे क्यों छोड़ दिया| जाति सूची, इस्तेमाल किए गए मानदंड आदि कई तरह की भ्रांतियाँ हैं| ये राष्ट्रपति के प्रेस वक्तव्य से उजागर हुई हैं|
अगले हफ्ते भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिलने जाएगा| उन्होंने कहा कि आज की बैठक में हमारी शंकाओं और सर्वेक्षण कैसे किया जाए, इसकी विस्तृत जानकारी देने का फैसला किया गया है|
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भाजपा धर्मस्थल से जुड़ी एसआईटी जाँच में कोई दखल नहीं देगी| भाजपा का रुख यही है कि जाँच और पड़ताल के नाम पर हिंदू धार्मिक समुदाय को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए| कोई दुष्प्रचार नहीं होना चाहिए| हमने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश है, और उपमुख्यमंत्री ने भी इसे स्वीकार किया है| उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि एसआईटी इसके पीछे की ताकतों का पता लगा लेगी| उन्होंने कहा कि इसमें एक भी नकाबपोश नहीं है|
मैंने सदन में भी कहा था कि दर्जनों लोगों ने नकाबपोशों के रूप में काम किया| किसने झूठी खबरें फैलाईं? किसने साजिश रची? - ये सब जाँच के जरिए पता चलना चाहिए| उन्होंने मांग की कि ये सभी मामले जल्द से जल्द जाँच से बाहर आएँ| दशहरा एक ऐसी संस्कृति है जिसका देश के लोग बड़ी श्रद्धा से सम्मान और पूजा करते हैं| एक जिम्मेदार सरकार को आज ही तय करना चाहिए कि इसका उद्घाटन कैसे होना चाहिए|
उन्होंने एक अन्य सवाल का जवाब दिया कि यह बहुत दुखद है कि डी.के. शिवकुमार ने संघ की प्रार्थना की और किसी और के दबाव में होने के लिए माफी मांगी| संघ की प्रार्थना देशभक्ति सिखाती है| उन्होंने कहा कि आपको पहले देशभक्त होना चाहिए| डी.के. शिवकुमार को विधान सौधा परिसर में पाकिस्तान जिंदाबाद कहने के लिए माफी मांगनी चाहिए थी| जारकीहोली को हिंदू शब्द को अश्लील कहने के लिए माफी मांगनी चाहिए थी| उन्होंने कहा कि उन्हें आरएसएस की प्रार्थना कहने के लिए माफी नहीं मांगनी चाहिए थी| इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य केशव प्रसाद, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष हरतालु हलप्पा, प्रदेश सचिव अंबिका हुलिनाईकर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे|