"विपक्ष पर चिल्ला-चिल्लाकर मेरा गला बैठ गया"

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर बोला हमला

नई दिल्ली, 23 अगस्त, (एजेंसी)।  केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "मेरा गला भी बैठ गया देखो। विपक्ष को चिल्ला-चिल्लाकर मैं अनुरोध करता हूं कि बहस होने दीजिए।" उन्होंने कहा, "संसदीय लोकतंत्र में, संसद विपक्ष की होती है। सरकार जवाब देने के लिए जिम्मेदार होती है। विपक्ष को सवाल पूछने ही होंगे। अगर सवाल पूछने वाले ही भाग जाएं तो सरकार क्या करेगी? हम उनसे लगातार कह रहे हैं कि वे हंगामा न करें। मेरा गला खराब हो गया क्योंकि मुझे चिल्लाकर विपक्ष से हंगामा न करने के लिए कहना पड़ा।"

किरेन रिजिजू ने कहा, "अगर संसद नहीं चलती है, तो नुकसान विपक्ष का है। सरकार राष्ट्रहित में विधेयक पारित करेगी।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस को संसदीय चर्चाओं में कोई रुचि नहीं है। वे संसद में बहस और चर्चा में विश्वास नहीं करते। कांग्रेस और अन्य दलों के कई सांसद मेरे पास आए और कहा कि संसद नहीं चलने के कारण वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों की चिंताओं को प्रस्तुत करने में सक्षम हैं। अगर संसद नहीं चलती है, तो नुकसान विपक्ष का है। सरकार राष्ट्रहित में विधेयक पारित करेगी। लेकिन अगर विधेयक बिना चर्चा के पारित हो जाते हैं तो यह अच्छा नहीं है। हम चर्चा में विश्वास करते हैं। नुकसान उनका है जिन्हें सवाल पूछने हैं।"

SIR के मुद्दे पर कही ये बात?

SIR के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी बुरी तरह हार गए। उन्होंने चुनाव आयोग से मतदाता सूची में संशोधन करने और झूठे नाम हटाने का अनुरोध किया। उन्होंने इसकी मांग की। महाराष्ट्र के आंकड़े गलत साबित हुए, और अब वे माफी मांग रहे हैं। अब, किसी ने राहुल गांधी को एक नोट दिया कि क्या बोलना है। वे बोलते-बोलते भटक गए।"

राज्यसभा के अंदर सीआईएसएफ जवानों की तैनाती के सवाल पर क्या बोले?

राज्यसभा के अंदर सीआईएसएफ जवानों की तैनाती पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "वे सीआईएसएफ नहीं थे। सदन में मार्शल होते हैं। सेना या सीआईएसएफ को सदन में कैसे लाया जा सकता है? कांग्रेस झूठ बोल रही है।"

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विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और गंभीर आपराधिक आरोपों में बंद मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक फाड़े जाने पर रिजिजू ने कहा, "इन लोगों को उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा ऊपर से आदेश दिया गया है कि जाकर कुछ भी करो, हंगामा करो, और सुर्खियां बटोरना है।" 

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उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें कई बार कहा कि इस तरह कागज फेंकना ठीक नहीं है। उन्होंने सारी हदें पार कर दीं। वे नीचे आए और गृह मंत्री का माइक छीन लिया। हमने उनसे कहा कि जितना चिल्लाना है चिल्लाएं, लेकिन किसी चीज को छूने से बचें। अगर हाथापाई हुई, तो देश की बदनामी होगी। इन लोगों को उनकी पार्टी के नेताओं ने आदेश दिया है कि जाओ और कुछ भी करो, हंगामा करो और सुर्खियां बटोरो।"

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विपक्ष के दृष्टिकोण से पूरी तरह विफल रहा संसद का यह मानसून सत्र

किरेन रिजिजू ने कहा, "संसद का यह मानसून सत्र देश के दृष्टिकोण से तो सफल रहा, लेकिन विपक्ष के दृष्टिकोण से पूरी तरह विफल रहा। सरकार का मानना ​​है कि यह पूरी तरह सफल रहा है। चर्चा के दृष्टिकोण से यह अच्छा नहीं रहा क्योंकि कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए हैं जिनका लोग वर्षों से इंतज़ार कर रहे थे कि ऐसा विधेयक कब आएगा। प्रधानमंत्री मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सिफारिश के खिलाफ जाकर प्रधानमंत्री को उस श्रेणी में डाल दिया है जिसके अनुसार अगर प्रधानमंत्री कोई भ्रष्टाचार करता है, तो उसे जेल जाना होगा और अपना पद छोड़ना होगा। कोई भी पद, चाहे वह मुख्यमंत्री हो, प्रधानमंत्री हो या केंद्रीय मंत्री हो, कानून से ऊपर नहीं हो सकता। विपक्ष को क्या आपत्ति है? देश इस क्रांतिकारी विधेयक का स्वागत कर रहा है।"

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