पहलगाम के आतंकियों को निपटाने वाले जवान सम्मानित
अमित शाह ने ऑपरेशन महादेव के वीरों को पहनाया मेडल
कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सेना ने दो घुसपैठियों को किया ढेर
नई दिल्ली/जम्मू, 28 अगस्त (ब्यूरो)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन जवानों को सम्मानित किया जिन्होंने पहलगाम हमले के आरोपियों को ढेर किया। अमित शाह ने भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के वीर जवानों से मिलकर उन्हें सम्मानित किया। ऑपरेशन महादेव 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 निर्दोष हिंदुओं की हत्या कर दी थी।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरे देश की ओर से इन जवानों को बधाई दी जाती है। ऑपरेशन में तीन आतंकी सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा (लश्करे तैयबा का ए-कैटेगरी कमांडर), हमजा अफगान और जिब्रान (पाकिस्तानी नागरिक) मारे गए। सुलेमान पाकिस्तानी आर्मी का पूर्व कमांडो और हमले का मास्टरमाइंड था। एनआईए की फॉरेंसिक जांच ने पुष्टि की कि हमले में इन्हीं के हथियारों का इस्तेमाल हुआ था। 28 जुलाई को चिनार कोर, राष्ट्रीय राइफल्स, पैरा स्पेशल फोर्स, जेकेएप और सीआरपीएफ ने महादेव चोटी के पास तीन घंटे की मुठभेड़ में आतंकियों को ढेर किया। शाह ने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है और यह संदेश देता है कि निर्दोषों के खून से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में भारतीय सेना और स्थानीय पुलिस की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें जवानों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा बलों ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया। श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संभावित घुसपैठ की खुफिया जानकारी मिलने के बाद भारतीय सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और घुसपैठियों को चुनौती दी, जिस पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। सेना ने जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादियों को मार गिराया। इससे पहले 2 अगस्त को कुलगाम जिले के अखल देवसर इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। सेना ने 1 अगस्त को आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन अखल शुरू किया था, जो 12 दिनों तक चला, जिसमें 9 अगस्त को दो जवान शहीद हुए थे।
भयानक बारिश के बीच भी पाक सेना अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। बारिश के कारण सीमा के आरपार दोनों ओर की जनता जहां बाढ़ से जूझ रही थी वहीं पाक सेना मौके का फायदा उठाते हुए आतंकियों को इस ओर धकेलने के नापाक इरादों को पूरा करने में जुटी है। पाक सेना बर्फबारी से दर्रों के बंद हो जाने से पहले बड़ी संख्या में आतंकियों को इस ओर धकेलना चाहती है।
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