चामुंडी मंदिर को राज्य दशहरा की राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए: वाडियार

चामुंडी मंदिर को राज्य दशहरा की राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए: वाडियार

मैसूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मैसूरु के पूर्व राजपरिवार की सदस्य प्रमोदा देवी वाडियार ने चामुंडी पहाड़ी पर स्थित श्री चामुंडेश्वरी मंदिर को राज्य सरकार के दशहरा समारोह से जुड़ी राजनीतिक बहस में घसीटने की कोशिशों पर नाराजगी जताई है|

परिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य और महल की परंपराओं की संरक्षक वाडियार ने एक प्रेस बयान में कहा कि इस साल के नाडा हब्बा (जनता दशहरा) के उद्घाटन के लिए गणमान्य व्यक्ति के चयन ने एक अनावश्यक विवाद को जन्म दिया है| उन्होंने कहा इस फैसले का बचाव करते हुए चामुंडेश्वरी मंदिर हिंदुओं का नहीं है’ जैसी असंवेदनशील टिप्पणियां अनावश्यक और अनुचित दोनों थीं| अगर यह हिंदू मंदिर नहीं होता, तो इसे मुजराई (हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ निधि) विभाग के अंतर्गत कभी नहीं लाया जाता| अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए, वाडियार ने कहा हमारा यह सुविचारित मत है कि सरकार का दशहरा एक सांस्कृतिक उत्सव है| अपनी प्रकृति के अनुसार, राज्य ऐसे उत्सव के आयोजन में धार्मिक पवित्रता, संप्रदाय या परम्परा का दावा नहीं कर सकता|


सरकार द्वारा आयोजित उत्सव धार्मिक प्रकृति के नहीं हैं, बल्कि नवरात्रि और विजयादशमी के अनुष्ठानों के साथ मेल खाते हैं| हम सदियों पुरानी परंपराओं के अनुसार, निजी तौर पर धार्मिक अनुष्ठान करते रहते हैं| उन्होंने आगे कहा कि चूँकि सरकारी उत्सव महल के सामने आयोजित किए जाते हैं, इसलिए उद्घाटन और विजयादशमी पर श्री चामुंडेश्वरी की भव्य शोभायात्रा, दोनों के लिए एक शुभ समय निर्धारित किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राजपरिवार के पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ कोई ओवरलैप न हो| वाडियार ने कहा मुझे उम्मीद है कि सभी बाधाएँ, गलतफहमियाँ और मतभेद जल्द से जल्द दूर हो जाएँगे और जल्द ही एक आम सहमति बन जाएगी|