चट्टेबट्टे लेकर असम पहुंचा कांग्रेसी जत्था
बांग्लादेशी घुसपैठियों के पक्ष में खुल कर आई कांग्रेस
हम इनसे सतर्क हैं और अपना काम कर रहे हैं: सरमा
गुवाहाटी, 25 अगस्त (एजेंसियां)। ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ बने माहौल के बीच ही उन तत्वों की भी शिनाख्त हुई जो भारत में रहते हुए भारत विरोधी घुसपैठियों की पैरोकारी कर रहे हैं। इसी दरम्यान बिहार में मतदाता पुनरीक्षण में बड़ी तादाद में घुसपैठियों को वोटर बनाए जाने के कुकृत्य का पर्दाफाश होने के बाद कांग्रेस का असली चेहरा खुल कर सामने आ गया। कांग्रेस के पिछलग्गू दल भी मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) के खिलाफ शोर मचा रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग के समक्ष तथ्य प्रस्तुत करने से भाग रहे हैं।
कांग्रेस सरकार में योजना आयोग की सदस्य रहीं सैयदा हमीद अपनी भारतीयता और सारे संकोच ताक पर रख कर घुसपैठियों के समर्थन में खुल कर मैदान उतर आई हैं। उन्होंने यह भी कह दिया कि अल्लाह ने यह धरती इंसानों के लिए बनाई है। कोई भी धरती पर रह सकता है। यही सैयदा हमीद कश्मीर में मारे और भगाए जा रहे कश्मीरी पंडितों की त्रासदी पर चुप रहीं। यही सैयदा हमीद बांग्लादेश और पाकिस्तान में मारे जा रहे हिंदुओं के मसले पर चुप रहती हैं। यही सैयदा हमीद बांग्लादेश-पाकिस्तान-अफगानिस्
सैयदा हमीद के साथ असम पहुंचने वाले चट्टे-बट्टों में स्वनामधन्य प्रशांत भूषण, हर्ष मंदर, जवाहर सरकार और कई अन्य लोग शामिल हैं। उनलोगों ने कहा कि असम सरकार ने मुसलमानों पर आफत ला दी है और उन्हें बांग्लादेशी कहकर निशाना बनाया जा रहा है। सैयदा ने कहा, अगर घुसपैठिए बांग्लादेशी भी हैं तो इसमें गलत क्या है? बांग्लादेशी भी इंसान हैं। धरती इतनी बड़ी है, बांग्लादेशी यहां भी रह सकते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह कहना कि अवैध घुसपैठिए असली नागरिकों का हक छीन रहे हैं, बहुत ही परेशान करने वाली बात है। सैयदा ने इसे भ्रामक है और इंसानियत के लिए पूरी तरह नुकसानदायक बताया है। प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि भारत के मुसलमानों को बांग्लादेश भेजा जा रहा है। यह साफ है कि हिमंत बिस्व सरमा की अगुवाई वाली असम सरकार हर तरह की गैरकानूनी हरकत कर रही है। खासकर नागरिकों को जबरन बांग्लादेश और देश से बाहर धकेल रही है, उनको जमीन से बेदखल कर रही है और उनके घर गिरा रही है।
इस टीम के दौरे को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि जमीयत द्वारा उनका इस्तीफा मांगे जाने के बाद दिल्ली से आई एक टीम असम में डेरा डाले हुए है। उन्होंने कहा, इस टीम में हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्लाह, फैयाज शाहीन, प्रशांत भूषण और जवाहर सरकार शामिल हैं। इस टीम एक ही मकसद है कि किसी तरह कानूनी तौर पर की जा रही बेदखली को तथाकथित मानवीय संकट बताकर बदनाम किया जाए। यह अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने की सोची-समझी कोशिश है। हम सतर्क हैं और मजबूती से खड़े हैं, कोई भी प्रोपेगेंडा या दबाव हमें अपनी जमीन और संस्कृति की रक्षा करने से रोक नहीं पाएगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी के विवादास्पद बयान पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, मदनी मिल जाए तो उन्हें सीधे बांग्लादेश भेज दूंगा। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने राज्य में हुई कार्रवाई पर चिंता जताई थी और संगठन की कार्यसमिति ने एक प्रस्ताव पास कर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के इस्तीफे और उन पर हेट स्पीच कानून के तहत आपराधिक कार्रवाई की मांग की थी। सरमा ने कहा, यह असम के लोग तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा, जमीयत अध्यक्ष मदनी नहीं। अगर मैं मदनी को पकड़ लूं तो उन्हें सीधे बांग्लादेश भेज दूंगा। सरमा ने कहा कि उन्हें जमीयत या किसी अन्य संगठन की परवाह नहीं है और वे केवल असम के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। मुख्यमंत्री ने जमीयत को कांग्रेस की बी टीम बताया।
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