बहुचर्चित ‘धर्मस्थल खोपड़ी‘ मामले में एक सनसनीखेज मोड़ आया
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियाँ बटोरने वाले बहुचर्चित ‘धर्मस्थल खोपड़ी‘ मामले में एक सनसनीखेज मोड़ आया है| एसआईटी की जाँच से पता चला है कि सबूत के तौर पर पेश की गई तथाकथित खोपड़ी असल में नकली थी| एसआईटी सूत्रों के अनुसार, गवाह से आरोपी बने चिन्नेय्या सी एन (जिसे पहले अनाम कहा जाता था) द्वारा सौंपी गई खोपड़ी दरअसल उसके गिरोह ने एक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र से हासिल की थी| विशेषज्ञों ने जाँचकर्ताओं को बताया कि खोपड़ी लगभग ४० साल पुरानी थी और इसे लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रखने के लिए वार्निश से लेपित किया गया था| यह खुलासा ११ जुलाई को बेल्टांगडी अदालत में खोपड़ी पेश किए जाने के बाद हुआ| एसआईटी ने तब पुष्टि की है कि सबूत गढ़े गए थे|
इससे पहले, चिन्नेय्या ने अपने वकील की मौजूदगी में अदालत के सामने दावा किया था कि खोपड़ी धर्मस्थल में एक सामूहिक दफनाने वाले स्थान से बरामद की गई थी, जहाँ उसने आरोप लगाया था कि सैकड़ों शव दफनाए गए थे| उसकी गवाही ने देशव्यापी हंगामा खड़ा कर दिया था, जिसके बाद एसआईटी ने धर्मस्थल में १७ अलग-अलग जगहों पर कई जगहों पर तलाशी ली| जांच से अब पता चला है कि गिरोह खोपड़ी को दिल्ली भी ले गया था, जहाँ धर्मस्थल की ‘सामूहिक कब्र‘ की कहानी सुनाते हुए उसे एक प्रभावशाली व्यक्ति को दिखाया गया था| एसआईटी इसे साजिश का पर्दाफाश करने में एक अहम सुराग मान रही है| शनिवार को गिरफ्तारी के बाद, एसआईटी ने रविवार को चिन्नेय्या से गहन पूछताछ की| अधिकारियों ने बताया कि उसने कई और नामों का खुलासा किया है|
‡उन लोगों से लेकर जिन्होंने उसे शरण दी थी और साजिश रचने में शामिल लोगों तक| सभी बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है, और एसआईटी पहचाने गए लोगों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है| रविवार को उसका मेडिकल परीक्षण भी हुआ| इस बीच, बेल्टांगडी पुलिस ने गुरुवार को ब्रह्मवर पुलिस स्टेशन लाए जाने के दौरान पुलिस की ड्यूटी में बाधा डालने के मामले में महेश शेट्टी को नोटिस जारी किया है| रिपोर्टों से पता चलता है कि इस सिलसिले में शेट्टी, गिरीश मट्टनवर, जयंत टी और १६ से ज्यादा अन्य लोगों के नाम शामिल हैं| जांचकर्ताओं का ध्यान चिन्नेय्या के लापता मोबाइल फोन पर भी केंद्रित है| उसने दावा किया था कि अब उसके पास वह नहीं है, लेकिन एसआईटी को संदेह है कि उसकी टीम ने ११ जुलाई को खोपड़ी के साथ अदालत में पेश होने से पहले ही उसे अपने साथ ले लिया होगा| तब से, उसे केवल अपने वकील से बात करने की अनुमति दी गई थी और कथित तौर पर उसे शेट्टी में ही पनाह दी गई थी|
अपने वकील धनंजय की सलाह पर अमल करते हुए, उसने कुछ मीडिया संस्थानों को साक्षात्कार भी दिए, जिन पर अब एसआईटी को संदेह है कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा था| एसआईटी ने सुजाता भट को भी समन जारी किया है, जिन्होंने पहले अनन्या भट लापता मामले में सुर्खियाँ बटोरी थीं| सूत्रों के अनुसार, जाँचकर्ता १९८५ से २०२५ तक के उसके व्यक्तिगत इतिहास को संकलित कर रहे हैं, जिसमें उडुपी, बेंगलूरु, शिवमोग्गा और सूरथकल में उसके प्रवास, उसके वैवाहिक जीवन और २००३ में अनन्या के लापता होने के उसके दावों को शामिल किया गया है|
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