मोदी–पुतिन की बड़ी घोषणाएँ, Vision 2030 पर हस्ताक्षर
23rd India–Russia Summit
नई दिल्ली, 5 दिसम्बर,(एजेंसियां)।नई दिल्ली में आयोजित 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन ने दोनों देशों की सामरिक साझेदारी को एक नई दिशा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने वाले समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक अवसर पर दोनों देशों ने साझा "Vision 2030" दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करके आने वाले दशक के लिए आर्थिक और सामरिक साझेदारी का रोडमैप स्पष्ट कर दिया।
मोदी–पुतिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस: संबंधों की मजबूती का संदेश
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन, मैं 23वें भारत–रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में आपका स्वागत करता हूं। पच्चीस वर्ष पहले आपने हमारी रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी थी। विश्व में कितने ही उतार-चढ़ाव आए हों, भारत–रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह स्थिर रही है।”
मोदी ने बताया कि वार्ता के दौरान सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, ऊर्जा, रक्षा और वैश्विक परिदृश्य से जुड़े तमाम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास और सम्मान की नींव पर टिके संबंधों को आने वाले समय में और विस्तार दिया जाएगा।
Vision 2030: आर्थिक साझेदारी की नई रूपरेखा
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत और रूस ने आर्थिक व व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए Vision 2030 दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दस्तावेज़ द्विपक्षीय व्यापार, निवेश, सह-उत्पादन, तकनीकी नवाचार तथा औद्योगिक सहयोग को अगले स्तर पर ले जाने का खाका पेश करता है।
मोदी ने कहा कि दोनों नेता India–Russia Business Forum में भाग लेंगे, जिससे उद्योग जगत को नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत–यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।
सांस्कृतिक और पर्यटन सहयोग में नई पहल
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत–रूस सांस्कृतिक संबंधों पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कल्मिकिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध फोरम में लाखों श्रद्धालुओं ने भारत के पवित्र बौद्ध अवशेषों के दर्शन किए।
उन्होंने आगे कहा कि भारत जल्द ही रूसी नागरिकों के लिए 30-दिन का मुफ्त ई-टूरिस्ट वीज़ा और 30-दिन का ग्रुप टूरिस्ट वीज़ा शुरू करने जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच पर्यटन एवं जन-संपर्क को नई गति मिलेगी।
पुतिन का संबोधन: भारत रूस की प्राथमिकता
राष्ट्रपति पुतिन ने भारत के साथ संबंधों को “समय की कसौटी पर खरा” बताते हुए कहा कि रूस भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने रक्षा सहयोग, ऊर्जा आपूर्ति, परमाणु ऊर्जा, व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शिक्षा के क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका की सराहना की।
सम्मेलन की प्रमुख घोषणाएँ और समझौते
दोनों देशों ने निम्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तारित करने पर सहमति जताई:
-
रक्षा और सैन्य-प्रौद्योगिकी साझेदारी
-
ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और प्राकृतिक गैस आपूर्ति
-
औद्योगिक उत्पादन और व्यापार सहयोग
-
विज्ञान, तकनीक और नवाचार परियोजनाएँ
-
सांस्कृतिक व शैक्षणिक आदान-प्रदान
-
पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की नई योजनाएँ
23वां भारत–रूस शिखर सम्मेलन एक ऐसे समय में हुआ है जब वैश्विक भू-राजनीति तेजी से बदल रही है। ऐसे में Vision 2030 दस्तावेज़ दोनों देशों को रणनीतिक रूप से और अधिक जोड़ने वाला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

