नई दिल्ली, 13 दिसम्बर,(एजेंसियां)। देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने ISIS से जुड़े आतंकी फंडिंग नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाइयों में से एक को अंजाम दिया है। 11 दिसंबर को ईडी ने महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में 40 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर आतंक की कमर तोड़ने वाला खुलासा किया है। इस कार्रवाई में करीब 9.70 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है, जिसमें 3.70 करोड़ रुपये नकद और करीब 6 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण व बुलियन शामिल हैं। इसके अलावा आतंक से जुड़े 25 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है।
यह पूरा ऑपरेशन ISIS से जुड़े पाडघा मॉड्यूल की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत चलाया गया, जिसमें कुख्यात आतंकी नेटवर्क से जुड़े साकिब नाचन और उसके सहयोगियों की भूमिका की जांच की जा रही है। ईडी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की, जो साफ संकेत देता है कि एजेंसी अब केवल आतंकियों को नहीं, बल्कि उनकी आर्थिक रीढ़ को तोड़ने पर फोकस कर रही है।
छापेमारी का दायरा केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रहा। जांच एजेंसी ने मुंबई के पास पाडघा-बोरीवली क्षेत्र, दिल्ली, कोलकाता, हजारीबाग, प्रयागराज, दमन और रत्नागिरी जैसे संवेदनशील और रणनीतिक इलाकों में एक साथ कार्रवाई की। इतने बड़े भौगोलिक दायरे में एकसाथ छापे यह संकेत देते हैं कि ISIS से जुड़ा यह मॉड्यूल केवल स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराज्यीय नेटवर्क के रूप में काम कर रहा था।
ईडी अधिकारियों के मुताबिक, तलाशी के दौरान सिर्फ नकदी और सोना ही नहीं, बल्कि आपत्तिजनक दस्तावेज, कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने वाली सामग्री, डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अचल संपत्तियों से जुड़े रिकॉर्ड भी बरामद किए गए हैं। इन डिजिटल सबूतों के जरिए एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि आतंक के लिए पैसा कहां से आया, किन रास्तों से घुमाया गया और आखिर किन-किन आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ।
यह मनी लॉन्ड्रिंग जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज एफआईआर और दायर चार्जशीट के आधार पर शुरू की गई थी। एनआईए ने भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम – UAPA और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत इस मॉड्यूल के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी अब उस केस की आर्थिक परतों को खोल रही है, ताकि आतंकवाद को मिलने वाले हर एक रुपये का हिसाब निकाला जा सके।
जांच में सामने आया है कि इस मॉड्यूल से जुड़े लोग ISIS की विचारधारा से प्रेरित एक अत्यधिक कट्टरपंथी नेटवर्क का हिस्सा थे। इनका काम केवल प्रचार तक सीमित नहीं था, बल्कि भर्ती, कट्टरपंथी प्रशिक्षण, हथियार और विस्फोटक सामग्री की खरीद और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड जुटाना था। यानी यह नेटवर्क सीधे तौर पर देश की सुरक्षा को निशाना बना रहा था।
ईडी ने खुलासा किया है कि इस नेटवर्क की फंडिंग केवल चंदे या विदेशी स्रोतों से नहीं, बल्कि अवैध कारोबार के जरिए भी की जा रही थी। महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) से मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, इस मॉड्यूल से जुड़े लोग खैर (कैथ) की लकड़ी की अवैध कटाई, तस्करी और बिक्री में भी शामिल थे। इस अवैध व्यापार से होने वाली कमाई को आतंकवादी गतिविधियों में झोंक दिया जाता था। यह खुलासा बेहद गंभीर है क्योंकि यह दिखाता है कि आतंकवाद अब केवल विचारधारा का नहीं, बल्कि संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क से जुड़ा हुआ खतरा बन चुका है।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाडघा मॉड्यूल लंबे समय से रडार पर था, लेकिन अब जाकर उसकी वित्तीय नसों पर निर्णायक प्रहार हुआ है। 9.7 करोड़ रुपये की जब्ती केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उस सिस्टम का सबूत है जिसके जरिए आतंक को जिंदा रखा जाता था। 25 बैंक खातों का फ्रीज होना यह भी दिखाता है कि आतंकी नेटवर्क कितने योजनाबद्ध तरीके से बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्रवाई आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है। क्योंकि जब तक आतंकियों को पैसा मिलता रहेगा, वे नए मॉड्यूल खड़े करते रहेंगे। लेकिन जब फंडिंग चैनल ही बंद कर दिए जाएं, तो संगठन खुद-ब-खुद कमजोर पड़ जाता है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई अभी समाप्त नहीं हुई है। जब्त किए गए डिजिटल डेटा और दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद और भी गिरफ्तारियां, संपत्ति जब्ती और अंतरराष्ट्रीय लिंक सामने आ सकते हैं। एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस नेटवर्क के तार किसी विदेशी आतंकी संगठन या ओवरसीज फंडिंग चैनल से जुड़े हैं।
कुल मिलाकर, ISIS से जुड़े इस मॉड्यूल पर ईडी की यह कार्रवाई साफ संदेश देती है—आतंक को पालने-पोसने वालों के लिए अब भारत में कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं है। चाहे पैसा नकद हो, सोने में छिपा हो या बैंक खातों के जरिए घुमाया जा रहा हो, सुरक्षा एजेंसियां हर रास्ता बंद करने के मूड में हैं।

