स्टालिन सरकार ने 21 मंदिरों का 1000 किलो सोना पिघलाकर बैंकों में जमा कराया
चेन्नई, 21 अप्रैल(एजेंसी)। तमिलनाडु के 21 मंदिरों में श्रद्धालुओं की तरफ से चढ़ाए गए 1,000 किलोग्राम से अधिक सोने के सामान को पिघलाकर 24 कैरेट की छड़ों में बदल दिया गया और बैंकों में जमा करा दिया गया. राज्य सरकार ने गुरुवार (17 अप्रैल, 2025 ) को बताया कि सोने की छड़ों के इस निवेश से उसे सालाना 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज मिल रहा है.
मंदिरों में चढ़ाए गए सोने के ऐसे सामान जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया था, उन्हें मुंबई स्थित सरकारी टकसाल में पिघलाकर 24 कैरेट की छड़ों में बदल दिया गया और स्वर्ण निवेश योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में निवेश कर दिया गया.
हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि विभाग के मंत्री पी के शेखर बाबू ने विधानसभा में प्रस्तुत नीति लेख में कहा, 'निवेश से अर्जित ब्याज का उपयोग संबंधित मंदिरों के विकास के लिए किया जाता है'. योजना के कार्यान्वयन की निगरानी को लेकर राज्य के तीनों क्षेत्रों के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में तीन समितियां गठित की गई हैं.'
'प्रति वर्ष 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज प्राप्त हुआ'
सोने की छड़ों के 31 मार्च तक के निवेश का ब्योरा देते हुए लेख में कहा गया, 'प्रदेश के 21 मंदिरों से प्राप्त 10,74,123.488 ग्राम शुद्ध सोने पर प्रति वर्ष 17.81 करोड़ रुपये का ब्याज प्राप्त हुआ, जो निवेश के समय सोने के मूल्य के अनुसार निर्धारित किया गया.'
मंदिरों में बिना उपयोग की चांदी की वस्तुओं को पिघलाने के निर्देश
मंदिरों में से एक तिरुचिरापल्ली जिले के समयपुरम में अरुलमिगु मरिअम्मन मंदिर ने निवेश योजना के लिए सबसे अधिक 4,24,266.491 ग्राम (लगभग 424.26 किलोग्राम) सोना दिया. मानव संसाधन विभाग के नियंत्रण में मंदिरों में अनुपयोगी चांदी की वस्तुओं को निजी चांदी प्रगलन कंपनियों द्वारा मंदिर परिसर में तीन न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली समितियों की उपस्थिति में शुद्ध चांदी की सिल्लियों में पिघलाने की अनुमति दी गई है. बयान के मुताबिक वर्तमान में मंदिरों में बिना उपयोग की चांदी की वस्तुओं को पिघलाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.