सत्ता में थे तो दलितों का अपमान करते थे अखिलेश

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण का अखिलेश यादव पर तीखा वार

 सत्ता में थे तो दलितों का अपमान करते थे अखिलेश

लखनऊ22 अप्रैल (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें बांटने वाली राजनीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने सत्ता रहते दलितों का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसी राजनीति की वजह से ही जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया और वे आज राजनीतिक हाशिए पर पहुंच गए हैं। उन्होंने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए इसे सोची-समझी रणनीति बताया। उन्होंने कहा कि सपा के ज्यादातर लोगों को निर्देश दिए गए हैं कि दूध में नींबू डालने का काम करोयानी समाज को बांटो और जहर घोलो। लेकिन अब उत्तर प्रदेश की जनता जागरूक है। योगी जी का स्पष्ट संदेश है कि बंटोगे तो कटोगेएक रहोगे तो सेफ रहोगे। सरकार सबको साथ लेकर चल रही है।

असीम अरुण ने कहा कि समाजवादी पार्टी का दलित प्रेम सत्ता से बाहर होने के बाद ही जागा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थेतब उन्होंने दलित महापुरुषों के नाम पर बने जिलों और संस्थानों के नाम बदल दिए। भीम नगरमहामाया नगरज्योतिबा फुलेसंत रविदासयहां तक कि भगवान बुद्ध की माता महामाया जी के नाम पर कलम चला दी। क्या यह सम्मान हैनहींयह सामाजिक चेतना का अपमान है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी होने के नाते असीम अरुण ने पुलिस पोस्टिंग को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि सपा शासन में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अधिकारियों को नियम के बावजूद थानों और तहसीलों में पोस्टिंग नहीं दी जाती थी। उन्होंने कहा कि जब उनके हाथ में पावर थीतब दलितों के हक मारे गए। लेकिन आज पोस्टिंग काबिलियत के आधार पर हो रही है। जो निकम्मे हैं उन पर कार्रवाई हो रही हैऔर जो मेहनती हैं उन्हें प्रशिक्षण और संसाधन मिल रहा है। मंत्री असीम अरुण ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में छात्रवृत्ति वितरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य सरकार ने 4,000 करोड़ रुपए से अधिक की छात्रवृत्ति वितरित कीजिससे कुल 56 लाख विद्यार्थियों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में यह संख्या केवल 34 लाख थी और उस समय छात्रवृत्ति में भारी घोटाले भी सामने आए थे। असीम अरुण ने आरोप लगाया कि 2017 में जब अखिलेश यादव को लगा कि उनकी सरकार जा रही हैतो उन्होंने उसी साल बच्चों की छात्रवृत्ति रोक दी थी। लेकिन योगी जी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद एक साल में दो वित्तीय वर्षों का बजट देकर सुनिश्चित किया कि किसी बच्चे की स्कॉलरशिप न रुके।

कानपुर मेट्रो के उद्घाटन को लेकर मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव को भ्रम है कि हर परियोजना उनकी ही शुरू की हुई है। सच यह है कि योगी सरकार ने वित्तीय संसाधनों को पारदर्शी तरीके से बढ़ाया है। जीएसटी कलेक्शन हो या माइनिंगसब पारदर्शिता से हो रहा है। आज जनता ईमानदारी से टैक्स दे रही हैऔर मेट्रो जैसे विकास कार्य उसी से संभव हो पा रहे हैं। असीम अरुण ने कहा कि 2017 और 2022 में जनता ने भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश दिया और आगामी चुनावों में भी इसी तरह समर्थन मिलेगा। क्योंकि आज प्रदेश में कानून का राज हैहर घर तक पानी पहुंच रहा हैसरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर हुई हैऔर जो कमियां बची हैं उन्हें दूर किया जा रहा है।

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