नक्सलियों के दुर्दांत गढ़ पर फहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा में कर्रेगुट्टा पहाड़ी से खदेड़े गए नक्सली

नक्सलियों के दुर्दांत गढ़ पर फहराया तिरंगा

रायपुर, 1 मई(एजेंसी)। छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी का इलाका एक समय नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। हालांकि अब जब नक्सली आंदोलन अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है तो नक्सलियों का यह किला भी ढह गया। सुरक्षाबलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर तिरंगा फहरा दिया है। बीते नौ दिनों से जारी ऑपरेशन कर्रेगुट्टा अभी भी जारी है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर ही नक्सलियों के शीर्ष नेता जैसे हिडमा, देवा, दामोदर, आजाद और सुजाता का ठिकाना था, लेकिन अब इस पर पूरी तरह से सुरक्षाबलों का नियंत्रण हो गया है और तिरंगा शान से लहरा रहा है।

सबसे बड़े उग्रवाद रोधी अभियानों में से एक
ऑपरेशन कर्रेगुट्टा देश में उग्रवाद के खिलाफ चलाए गए सबसे बड़े ऑपरेशन में से एक है। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में चलाए गए ऑपरेशन में करीब 24 हजार सुरक्षाकर्मी शामिल हुए। इनमें डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), बस्तर फाइटर्स, एसटीएफ समेत राज्य पुलिस की सभी यूनिट के जवान, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवान शामिल हुए। साथ ही हेलीकॉप्टर, ड्रोन यूनिट के जरिए पूरे ऑपरेशन पर नजर रखी गई। कर्रेगुट्टा पहाड़ी नक्सलियों का अहम रणनीतिक ठिकाना था। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने पूरे ऑपरेशन की मॉनीटरिंग की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। 


बीते नौ दिनों से चल रहा ऑपरेशन
ऑपरेशन कर्रेगुट्टा की शुरुआत 21 अप्रैल को हुई थी। कर्रेगुट्टा पहाड़ी इलाका करीब 800 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है और यह छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना के मुलुगु जिले से सटा है। यह नक्सलियों के छिपने के लिए सबसे मुफीद जगह मानी जाती थी और यही वजह थी कि नक्सलियों के शीर्ष नेताओं का यह ठिकाना था। यह नक्सलियों की सैन्य ताकत के लिहाज से सबसे अहम पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर एक का केंद्र था। ऑपरेशन के लिए जवानों को हेलीकॉप्टर के जरिए हथियार और अन्य जरूरी सामान भेजे गए। 

शीर्ष नक्सलियों के बारे में मिली थी खुफिया सूचना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एलान कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा। इस लिहाज से ऑपरेशन कर्रेगुट्टा अहम है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नक्सिलयों से कोई बात नहीं होगी। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि नक्सलियों के शीर्ष नेता हिडमा, बरसा देवी और दामोदर के पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर एक, तेलंगाना स्टेट कमेटी और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के शीर्ष नेताओं समेत 500 से ज्यादा नक्सिलयों के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर होने की खुफिया सूचना मिली थी। 

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भाजपा सरकार में नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में तेजी आई है। जनवरी 2024 के बाद से 350 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ में मारे गए हैं और इनमें से अधिकतर मुठभेड़ बस्तर क्षेत्र में हुई। 29 मार्च को हुए एक एनकाउंटर में 18 नक्सली मारे गए थे। इस साल ही 144 नक्सलियों को निशाना बनाया गया है। इस साल अभी तक 300 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद और सरकार की नीति के तहत पुनर्वास किया गया है। साल 2024 में सात जिलों से मिलकर बने बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।

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