मंत्री शिवानंद पाटिल ने विधानसभा से दिया इस्तीफा
बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को विधायक पद छोड़ने की दी चुनौती
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कपड़ा, चीनी, गन्ना विकास और कृषि विपणन मंत्री शिवानंद एस. पाटिल ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप दिया| पाटिल ने स्पीकर यू. टी. खादर से अपना इस्तीफा सौंपने के लिए मुलाकात की| पाटिल विजयपुरा जिले के बसवाना बागेवाड़ी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं| उन्होंने विजयपुरा में भाजपा से निष्कासित विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था| विधायक ने मंत्री को विधानसभा से इस्तीफा देने और उनके (बसनगौड़ा पाटिल यतनाल) खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी| इस मौखिक द्वंद्व के कारण मंत्री ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया| अपने पत्र में, मंत्री ने स्पीकर से अनुरोध किया कि उनका इस्तीफा तभी स्वीकार किया जाए, जब बसनगौड़ा पाटिल यतनाल भी विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप दें| यतनाल विजयपुरा (बीजापुर) सिटी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं| यतनाल ने दावा किया था कि पाटिल मुस्लिम वोटों के समर्थन के बिना चुनाव नहीं जीत सकते और उन्हें ‘पाकिस्तान का एजेंट’ कहा था| पाटिल ने कहा कि उनके इस्तीफे का कांग्रेस पार्टी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया से कोई लेना-देना नहीं है| इससे पहले विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने मंत्री शिवानंद पाटिल और कांग्रेस विधायक विजयानंद कशप्पनवर को कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा देने और उपचुनाव में उनका सामना करने की चुनौती दी| उन्होंने उनके खिलाफ चुनाव लड़ने और उन्हें हराने की कसम खाई| उन्होंने विजयपुरा में कहा अगर वे अगले शुक्रवार (९ मई) तक इस्तीफा नहीं देते हैं, तो मुझे उनके माता-पिता पर संदेह होगा| उन्होंने विजयपुरा में बसव जयंती समारोह के बाद संवाददाताओं से कहा उन्हें मुझसे लड़ने के लिए विजयपुरा शहर आने की जरूरत नहीं है| आइए हम सभी निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ें| मैं उन्हें उनके घरेलू मैदान में हरा दूंगा| यतनाल ने दावा किया कि उनके विपरीत पाटिल और कशप्पनवर जन नेता नहीं हैं| उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पार्टी से जुड़े होने के कारण नहीं बल्कि अपने करिश्मे के कारण चुनाव जीता है| उन्होंने कहा यह बात कांग्रेस के दो नेताओं के बारे में नहीं कही जा सकती, जो अगर दोबारा चुनाव लड़ें तो आसानी से हार जाएंगे| यतनाल ने उन्हें हिंदुत्व विरोधी और मुस्लिम तुष्टिकरण में लिप्त बताया| उन्होंने आरोप लगाया कि शिवानंद पाटिल का मूल नाम शिवानंद हचादाद था और मंत्री ने सम्मान पाने के लिए अपना उपनाम बदल लिया है| उन्होंने कहा कि शिवानंद पाटिल को हिंदू मतदाता हराएंगे, जो हाल ही में विजयपुरा में मुसलमानों की रैली में शामिल होने के कारण उनसे नाराज हैं| यतनाल ने दावा किया कि कशप्पनवर न तो पंचमसाली लिंगायत के नेता हैं और न ही हिंदू हैं| यतनाल ने कहा इन दोनों नेताओं को अगले चुनाव में एक भी हिंदू वोट नहीं मिलेगा|