८६ मुक्त दासों को १३ विभिन्न पहचान पत्र वितरित किए गए: कृषि मंत्री

८६ मुक्त दासों को १३ विभिन्न पहचान पत्र वितरित किए गए: कृषि मंत्री

मांड्या/शुभ लाभ ब्यूरो| कृषि एवं जिला प्रभारी मंत्री एन. चालुवरायस्वामी ने कहा कि मांड्या जिला पंचायत ने जिले में ८६ मुक्त दासों की पहचान कर ली है और उन्हें १३ महत्वपूर्ण सरकारी पहचान पत्र या दस्तावेज प्रदान करके समाज की मुख्यधारा में ला रही है| वह सोमवार को मद्दुर तालुक में मुक्त दासों के लिए एक पहचान पत्र और स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे| दास प्रथा के अवैध होने की जानकारी होने के बावजूद भी निर्दोष लोग दास प्रथा का शिकार हो जाते हैं|

उन्होंने कहा कि सरकार ने दास प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए कई योजनाएँ बनाई हैं, इसलिए उनका सदुपयोग करें| दास प्रथा के अवैध होने की जानकारी होने के बावजूद भी कुछ लोग गरीबी के कारण दास के रूप में काम करते हैं| जिले के कुल ८६ दासों में से ४ महिलाएँ हैं| यह पाया गया कि मुक्त दासों और उनके आश्रितों के पास ८२ पुरुषों को मुक्त कराने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकारी दस्तावेज नहीं थे| चूँकि सभी विभागों की सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है| उन्होंने बताया कि सबसे पहले, जिले के सभी मुक्त दासों को सरकारी ’१३’ दस्तावेज दिए जा रहे हैं और उनकी स्वास्थ्य जाँच भी की जा रही है|

उन्होंने बताया कि उन्हें आधार कार्ड सहित विभिन्न पहचान पत्र दिए जा रहे हैं, जिससे वे सरकार की पाँच गारंटी योजनाओं का लाभ उठा सकें और भविष्य में आत्मनिर्भर बनकर सम्मानजनक जीवन जी सकें| मद्दुर के तहसीलदार के.एम. उदय ने मुक्त दासों से बात की| उन्होंने बताया कि उन्हें आधार कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति-आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, व्यक्तिगत बैंक बचत खाता, विभिन्न योजनाओं के तहत पेंशन, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड, स्वास्थ्य बीमा (पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई), ई-श्रम पहचान पत्र, यूडीआईडी पहचान पत्र, भाग्य लक्ष्मी योजना, मनरेगा रोजगार कार्ड दिए जा रहे हैं| इससे वे आत्मनिर्भर जीवन जी सकते हैं| जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.आर. नंदिनी ने बताया कि संजीवनी संरक्षण अभियान के अंतर्गत, विमुक्त दासों के परिवारों की पात्र महिलाओं को एनआरएलएम योजना ’संजीवनी’ के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों में जोड़ने का कार्य किया गया है|

संजीवनी के अंतर्गत उपलब्ध पात्र सुविधाओं को प्राप्त कर उन्हें आत्मनिर्भर जीवन जीने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं| उन्होंने बताया कि विमुक्त दासों के परिवारों के पात्र युवक-युवतियों को अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ’आरसेटी’ द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं| ई-संपत्ति अभियान- मेरी पहचान अभियान, विमुक्त दासों को उनकी अपनी भूमि के दस्तावेज उपलब्ध कराने की दिशा में एक और मील का पत्थर है| उन्होंने बताया कि मुक्त दासों के परिवारों को पहले ही ४९ से अधिक ई-परिसंपत्तियाँ, पात्र आयु के मुक्त दासों के परिवारों के लिए १७२ ई-श्रम कार्ड, १८० से अधिक स्वयं सहायता पंजीकरण, १० जाति आय प्रमाण पत्र, १८० से अधिक पीएमजेजेबीवाई/पीएमएसबीवाई, यूडीआईडी पहचान पत्र, मनरेगा आदि प्रदान किए जा चुके हैं| उन्होंने आगे कहा कि जिला पंचायत ने मुक्त दासों को स्वाभिमानी जीवन जीने में मदद की है|

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उन्होंने बताया कि भारतीनगर ग्राम पंचायत द्वारा मुक्त दासों के परिवारों को निःशुल्क सौर ऊर्जा लाइटें और सिलाई मशीनें वितरित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है| कार्यक्रम में मद्दुर तालुक के तहसीलदार परशुराम सत्तीगेरी, कार्यकारी अधिकारी रामलिंगैया और अन्य अधिकारी उपस्थित थे|

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