कांग्रेस ने जाति जनगणना कराने के बारे में क्यों नहीं सोचा: पी.सी. मोहन

कांग्रेस ने जाति जनगणना कराने के बारे में क्यों नहीं सोचा: पी.सी. मोहन

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| सांसद पी.सी. मोहन ने कहा कि सिद्धरामैया का कहना है कि नरेंद्र मोदी राहुल गांधी के बयान के दबाव में जाति जनगणना करा रहे हैं| उन्होंने सवाल उठाया कि ६० साल तक शासन करने वाली कांग्रेस को जाति जनगणना कराने की समझ क्यों नहीं आई| यहां मल्लेश्वरम स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने २०१३ में डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री रहते हुए बनाए गए कैबिनेट प्रस्ताव को फाड़ दिया था|

उन्होंने कहा कि यह बकवास है| यही डॉ. मनमोहन सिंह २००४ से २०१४ तक प्रधानमंत्री थे| सिद्धरामैया को राहुल गांधी से पूछना चाहिए कि उन्होंने जाति जनगणना क्यों नहीं कराई| सिद्धरामैया ने कहा है कि ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जाना चाहिए, हालांकि उन्हें पता है कि ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता| उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य के लोगों को गुमराह करने के लिए सिद्धरामैया की आलोचना की| पी.सी. मोहन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सिद्धरामैया राज्य की जनता को धोखा दे रहे हैं| उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस कथन का हवाला दिया कि ५० प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं होना चाहिए|

मंत्री मुनियप्पा ने कहा है कि खड़गे को राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहिए था| खड़गे कांग्रेस पार्टी में हैं| उन्होंने कहा कि वह मुनियप्पा को बताना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा दलितों को धोखा दिया है| जगजीवन राम कांग्रेस से ७ बार सांसद रहे| लेकिन कांग्रेसियों ने उनके साथ धोखा किया है| खड़गे ने कहा कि ५५० करोड़ रुपए पर्याप्त नहीं हैं| हालाँकि, हमारी सरकार जाति जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है| उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराएगी| उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है|

पहली जाति जनगणना ब्रिटिश शासन के तहत १९३१ में आयोजित की गई थी| उन्होंने कहा कि मोदी की कैबिनेट द्वारा जाति जनगणना कराने के फैसले से देश में सभी को खुशी मिली है| कांग्रेस पार्टी, जिसने इस देश पर ६० साल से ज्यादा राज किया, कहती रही कि हम ओबीसी, एससी और एसटी के साथ हैं| हालाँकि, उन्होंने आलोचना की कि वे आज तक इन समुदायों को न्याय दिलाने में विफल रहे हैं| मोदी की सरकार में जाति जनगणना कराई जाएगी और जातिवार सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण कराया जाएगा| इससे उन लोगों को सरकारी लाभ प्रदान करने में मदद मिलेगी जो इसके लिए पात्र नहीं हैं, जिनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग शामिल हैं| अदालत पूछती है कि समाज की स्थिति कैसी है| उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सर्वेक्षण जमीनी स्तर पर लोगों को सहायता प्रदान करेगा| इस मौके पर सांसद यदुवीर वॉडियार, विधान परिषद विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार, ओबीसी मोर्चा के राज्य महासचिव सोमशेखर, ओबीसी मोर्चा की राज्य उपाध्यक्ष अश्विनी शंकर उपस्थित थे|

Read More लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों की गर्जना से गूंजा आसमान

Tags: