दो महीने का राशन जमा कर लो
भारत के एक्शन से घबराया पाकिस्तान, पीओके की जनता को दिया हुक्म
नई दिल्ली, 02 मई (एजेंसियां)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है। आम जनता से लेकर राजनीति तक हर कोई पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर रहा है। पूरा देश एक सुर में भारत सरकार से आग्रह कर रहा है कि अब समय आ गया है, कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत में शामिल कर लिया जाए।
भारत सरकार के सख्त रुख और संभावित फैसलों से पाकिस्तान डरा हुआ है। इसी वजह से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थानीय प्रशासन ने बॉर्डर से सटे रहने वाले लोगों से दो महीने के लिए राशन-पानी और खाने का भंडार करके रखने को कहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के चौथरी अमनुल्लाह ने यह निर्देश दिए हैं। 13 तिब्बती धर्मगुरुओं के डेलीगेशन ने अप्रैल 2025 तक हुए आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसी घटना के बाद भारत ने आतंकवादियों के साथ-साथ पाकिस्तान को तबाह करने की कसम खाई है।
आपातकालीन कोष भी बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में सड़कों के मरम्मत के लिए सरकारी और निजी मशीनरी भी तैनात की जा रही है।
पाकिस्तान इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि उसके पास विश्वसनीय सूत्र हैं कि भारत हमले की तैयारी कर रहा है। इस बीच पाकिस्तान ने पीओके में अधिकारियों ने शुक्रवार (1 मई 2025) को लोगों से लिए कहा है कि वे खाने-पीने की चीजों और जरूरी धार्मिक किताबों का भंडारण कर लें।
भारत ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल ब्लॉक किया
4 क्रिकेटरों के इंस्टाग्राम अकाउंट भी बंद
पहलगाम/नई दिल्ली, 02 मई (एजेंसियां)। नई दिल्ली भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अधिकारिक यूट्यूब अकाउंट को ब्लॉक कर दिया। शरीफ का चैनल बंद करने के साथ हाई-प्रोफाइल सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी भारत में सरकार से ब्लॉक किया गया है।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी कंटेंट को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। इसी क्रम में पाकिस्तान के चार नामचीन क्रिकेटरों के इंस्टाग्राम अकाउंट को भी ब्लॉक कर दिया गया है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले कंटेंट को रोकने के लिए सरकार आगे भी ऐसे कदम उठाएगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस कदम पर विरोध जताया है, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रहित से बढ़कर कुछ नहीं।