कांग्रेस सरकार का रवैया ही हिंदुओं की हत्या का कारण: बी.वाई. विजयेन्द्र

कांग्रेस सरकार का रवैया ही हिंदुओं की हत्या का कारण: बी.वाई. विजयेन्द्र

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि सिद्धरामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के एसडीपीआई और पीएफआई के प्रति प्रेम ने सुहास की हत्या, हिंदुओं के खिलाफ धमकियों और हिंदुओं की हत्या जैसे अत्याचारों को ताकत दी है| उन्होंने कहा कि दुष्टों को हाथी की ताकत मिल गई है|

यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुवार रात मेंगलूरु में हिंदू कार्यकर्ता सुहास की बेरहमी से हत्या कर दी गई| उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्पष्ट है कि यह पूर्वनियोजित था| कश्मीर में हिन्दुओं का नरसंहार हो रहा है| देश और प्रदेश की जनता इसे भूली नहीं है| इस बीच, उन्होंने कहा कि एक हिंदू कार्यकर्ता की बर्बर हत्या निंदनीय है| उन्होंने कहा कि राज्य में सिद्धरामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद यह विश्वास बढ़ गया है कि देशद्रोही और हत्यारे किसी भी अपराध को अंजाम देकर बच निकलेंगे| परिणामस्वरूप, ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं| उन्होंने चिंता व्यक्त की कि हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है|
हिंदू संगठनों को धमकाया जा रहा है| उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हिंदू नेताओं की हत्या जारी है| क्या कर्नाटक राज्य में कोई गृह मंत्री जीवित नहीं है? क्या खुफिया सेवा खत्म हो गयी है? राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है? जब उन्हें पता था कि एक हिंदू कार्यकर्ता की जान खतरे में है, तो फिर ऐसी घटना कैसे संभव हुई? उन्होंने सुहास की हत्या के लिए मुख्यमंत्री के नरम रवैये की आलोचना की| भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है|

उन्होंने कहा कि वे इस नरसंहार की निंदा करते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान करेंगे| उन्होंने सवाल के जवाब में कहा कि जब तक हिंदू विरोधी राज्य सरकार नहीं हटेगी, तब तक राज्य के लोगों को चैन नहीं मिलेगा| एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री के बयानों से देशद्रोहियों को ताकत मिल रही है| गृह मंत्री की निष्क्रियता से यह बहस छिड़ गई है कि हम कर्नाटक में हैं या पाकिस्तान में| उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राज्य सरकार का हिंदू विरोधी व्यवहार और हिंदू विरोधी नीतियां ऐसे देशद्रोहियों को सशक्त बना रही हैं|


कांग्रेसियों को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने राहुल गांधी के डर से जाति जनगणना कराने का फैसला किया| अगर उन्हें चिंता होती तो वे इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह (आजादी के बाद ५५-६० साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी) से पूछते कि वे जाति जनगणना क्यों नहीं करा पाए| उन्होंने सिद्धरामैया की आलोचना करते हुए कहा कि वे समुदायों के बीच दरार पैदा करने में असीमित प्रयास कर रहे हैं| उन्होंने उन पर जातियों के बीच नफरत के बीज बोने का आरोप लगाया|

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