ऑपरेशन सिंदूर का असर वैष्णो देवी की यात्रा पर भी
जम्मू, 14 मई (ब्यूरो)। भारत और पाकिस्तान के तनाव का असर माता वैष्णो देवी की यात्रा पर भी पड़ा है। आमतौर पर इन दिनों में यात्रियों से गुलजार रहने वाले कटड़ा मार्ग पर लोगों की संख्या में गिरावट आई है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो इस महीने की 6 तारीख को देशभर से 12917 यात्री आए थे, जबकि स्ट्राइक वाले दिन यानी 7 मई को 12760 यात्री माता के दर्शनों के लिए देश पर से कटरा पहुंचे।
वहीं, स्ट्राइक के बाद 8 मई को 8670, 9 तारीख को 3962, 10 मई को 1352, 11 मई को 1303, 12 मई को 1658 और 13 मई को 2808 श्रद्धालु ही माता के दर्शन करने पहुंचे। हालांकि अब सात दिनों के बाद हेलीकाप्टर सेवा फिर से शुरू कर दी गई है। यह सेवा कटड़ा से सीधे सांझी छत तक जाती है, जहां से श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दरबार तक पहुंचते हैं। कुछ दिन पहले देश के हवाई क्षेत्र को आपरेशन सिंदूर के कारण बंद कर दिया गया था, जिसके चलते कई हवाई मार्गों के साथ-साथ कटड़ा से सांझी छत जाने वाली हेलीकाप्टर सेवा भी स्थगित कर दी गई थी। इससे तीर्थयात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था, क्योंकि यह सेवा कई श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाती है।
महाराष्ट्र से माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटड़ा पहुंचे श्रद्धालुओं का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी के बाद उन्होंने अपने टिकट रद्द करवा दिए थे। हालांकि, जैसे ही पाकिस्तान घुटने टेक कर सीजफायर पर आया तो उन्होंने दोबारा अपनी टिकट करवाई और बच्चों के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंच गए। इन श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें भारतीय सेना और भारत सरकार पर पूरा भरोसा है। बेशक कटड़ा आने वाली ट्रेनें या कटरा शहर खाली हैं, लेकिन माता का दरबार खाली नहीं होना चाहिए। इन श्रद्धालुओं का दावा है कि उन्हें माता का बुलावा आया था, इसलिए वह मां वैष्णो के दर्शन के लिए आ गए। इन भक्तों ने पूरे देश में माता के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर माता वैष्णो देवी के दर्शन करें।
वैसे वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए जरूरी खबर यह भी है कि रेलवे द्वारा विभिन्न रूटों की ट्रेनों को रि-शिड्यूल किया गया है और जम्मू की तरफ जाने वाली अधिकतर ट्रेनों को दिन के समय संचालित किया जा रहा है। इसके चलते वैष्णो देवी सहित जम्मू जाने वाली अधिकतर ट्रेनें देरी से चल रही है। ट्रेनों का समय रूटीन के मुताबिक करने पर रेलवे द्वारा जल्द फैसला लिया जा सकता है, लेकिन फिलहाल ट्रेनों का देरी के साथ परिचालन होगा। कर्नाटक से आए कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुई तनातनी से पहले ही अपने टिकट करवा लिए थे लेकिन जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालत बिगड़ गए तो उन्होंने अपना टिकट कैंसिल नहीं करवाया। उनके मुताबिक उन्हें भारतीय सेना पर भरोसा है और वह माता के दर्शन किसी भी हाल में करने आएंगे।