३३ बाढ़-ग्रस्त इलाके फिर से जलमग्न
भारी बारिश के बाद ४० से ज्यादा पेड़ गिरने की घटनाएँ आईं सामने
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| शहर में मंगलवार शाम और रात में हुई भारी बारिश और तेज हवाओं ने एक बार फिर शहर के नागरिक बुनियादी ढांचे की कमियों को उजागर कर दिया| शाम को ही नहीं, बल्कि बुधवार सुबह भी जलमग्न सड़कों पर यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि बुधवार को कई इलाकों में दफ्तर जाने वाले लोगों का ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ| उदाहरण के लिए, हुडी में रेलवे अंडरब्रिज, जो एक महत्वपूर्ण लिंक है, सुबह भी पानी में डूबा हुआ था|
इससे पहले मंगलवार रात को गिरे कई पेड़ों और शाखाओं को हटाया नहीं गया, जिससे कई इलाकों में ट्रैफिक बाधित हुआ| आउटर रिंग रोड पर नागवारा-हेब्बल फ्लाईओवर खंड, हेब्बल-जक्कुर खंड, बल्लारी रोड पर हुनसमरनहल्ली, हुडी रेलवे अंडरपास, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी फ्लाईओवर सहित अन्य स्थानों पर भारी जलभराव देखा गया| मेहकरी सर्कल से जक्कुर तक, सड़क पर भारी जलभराव था| हेब्बल फ्लाईओवर पर जलभराव होने के कारण यातायात धीमी गति से चल रहा था| कई लोग दोपहिया वाहनों पर सड़क पर फंस गए| जबकि पीक ट्रैफिक घंटों में भी, आमतौर पर हेब्बल को पार करने में १५-२० मिनट लगते हैं, १३ मई की रात १०.३० बजे के बाद भी ३५ मिनट से अधिक समय लगा|
उदाहरण के लिए, नागवारा और हेब्बल के बीच वीरन्नापाल्या खंड, हेब्बल और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी फ्लाईओवर पर जलभराव एक ऐसा मुद्दा था जो २०२४ के मानसून के दौरान भी सामने आया था| एक वरिष्ठ यातायात अधिकारी ने कहा कि उन्होंने मंगलवार की शाम को ३३ स्थानों पर भारी जलभराव देखा था, और इसकी सूचना बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को दी थी| उन्होंने कहा इनमें से कई हिस्सों में लगभग हर बारिश के साथ जलभराव और जलभराव देखा जाता है| हमने इन जगहों के बारे में बार-बार नगर निगम को सूचित किया है| एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा हालांकि नालियों का जाम होना एक बड़ी चिंता का विषय है और इसके नियमित रखरखाव की जरूरत है, लेकिन इनमें से कुछ हिस्सों में इंजीनियरिंग हस्तक्षेप की जरूरत है| पेड़ गिरने और शाखाएँ गिरने की घटनाएँ इसी तरह, कई विशेष अभियान चलाने और लोगों से पुराने और खतरनाक पेड़ों को हटाने और उनकी छंटाई करने के लिए कहने के बावजूद, अकेले मंगलवार की शाम को लगभग ४० पेड़ और १२५ से अधिक शाखाएँ गिर गईं|
हाल ही में, एक ऑटोरिक्शा चालक की मौत वाहन पर पेड़ गिरने से हो गई थी| बीबीएमपी के उप वन संरक्षक बी.एल.जी. स्वामी ने कहा कि शहर में हवा की गति बहुत तेज थी| बारिश से ज्यादा, हवा के कारण पेड़ गिरे हैं| सिर्फ पुराने और कमजोर पेड़ ही नहीं, बल्कि कई स्वस्थ हरे पेड़ भी गिरे हैं| उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी पेड़ों को हटा दिया जाएगा|
वृक्ष संरक्षण कार्यकर्ता विजय निशांत ने कहा कि ज्यादातर पेड़ों के गिरने का कारण कंक्रीट से उनकी जड़ें दब जाना हो सकता है| गिरने वाले ज्यादातर पेड़ तांबे की फली जैसे कमजोर पेड़ हैं| हमें अपने इलाकों में पेड़ों की निगरानी करने और छंटाई और दूसरी गतिविधियों के जरिए उन्हें बनाए रखने के लिए वार्ड कमेटियों को साथ लेकर चलना चाहिए| अगर हम उनकी जड़ों को दबा देंगे, तो पेड़ों के गिरने की संभावना ज्यादा हो जाएगी| हमें शहर में इस समस्या का समाधान करने की जरूरत है|