30 दिन का अल्टिमेटम, घुसपैठियों को निकाल बाहर करें

भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के बचे-खुचे दिन

30 दिन का अल्टिमेटम, घुसपैठियों को निकाल बाहर करें

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को दिया सख्त निर्देश

नई दिल्ली, 19 मई (एजेंसियां)। भारत सरकार अब बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को देश से निकालने पर दृढ़ है। गृह मंत्रालय ने 30 दिन का अल्टिमेटम भी दे दिया है। गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि 30 दिन के अंदर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाल दिया जाए। घुसपैठियों को उनके देश भेजने की प्रक्रिया की अवधि में उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। गृह मंत्रालय ने कहा है कि जिन लोगों पर घुसपैठिए होने का संदेह हैउनके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन 30 दिन के भीतर होना जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक होने का दावा करता हैतो संबंधित राज्य सरकार का दायित्व होगा कि वह उसकी पहचान और पृष्ठभूमि की जानकारी एकत्र कर उपलब्ध कराए। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से भी कहा कि सभी राज्य अपनी वैधानिक शक्तियों का उपयोग करते हुए घुसपैठियों की पहचान करें और उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करें।

प्रत्येक राज्य को जिला स्तर पर पर्याप्त डिटेंशन सेंटर स्थापित करने का आदेश दिया गया हैजहां संदिग्ध प्रवासियों को निर्वासन की प्रक्रिया पूरी होने तक रखा जाएगा। इन केंद्रों में उनकी बायोमेट्रिक जानकारी भी ली जाएगी ताकि आगे भी ये लोग किसी तरह की धोखाधड़ी न करें। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफऔर असम राइफल्स जैसे सुरक्षा बलों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है ताकि सीमाओं पर अवैध घुसपैठियों पर नजर रखी जा सके।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से भारत में घुसैठियों को पकड़कर वापस भेजने की दिशा में जांच एजेंसियां लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में राजस्थान में 30 अप्रैल 2025 से शुरू हुए विशेष अभियान में अब तक एक हजार से अधिक घुसपैठिए पकड़े गए हैं। यही संख्या गुजरात से भी सामने आई थी। इसी तरह हरियाणा के तीन जिलों नूंहझज्जर और हांसी में ढाई सौ से अधिक बांग्लादेशी नागरिक हिरासत में लिए गए हैं। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में पिछले कुछ दिनों में 300 से अधिक घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है। मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक 650 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

राजस्थान और हरियाणा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। राजस्थान में 30 अप्रैल 2025 से शुरू हुए विशेष अभियान में अब तक हजार से ज्यादा घुसपैठिए पकड़े गए हैंजबकि हरियाणा के तीन जिलों नूंहझज्जर और हांसी में 237 बांग्लादेशी नागरिक हिरासत में लिए गए हैं। इनमें से कई ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को भारत का नागरिक बताने की कोशिश की थी। अब घुसपैठियों को खास प्लेन से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा हैजहां से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इन्हें बांग्लादेश और म्यांमार वापस भेजेगा।

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राजस्थान में पकड़े गए घुसपैठियों में 341 बच्चे, 284 महिलाएं और 376 पुरुष शामिल हैं। राजस्थान में सबसे ज्यादा घुसपैठिए सीकर जिले से पकड़े गए हैंजहां 394 लोग हिरासत में हैं। जयपुर (218), अलवर (103), कोटपूतली-बहरोड़ (117) और भिवाड़ी (67) जैसे जिलों में भी बड़ी संख्या में घुसपैठिए पकड़े गए। जांच में पता चला कि ये लोग फर्जी आधार कार्डमतदाता पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र बनवाकर राजस्थान के मूल निवासी होने का दावा कर रहे थे। कई महिलाएं घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थींजबकि पुरुष ईंट भट्टोंखान मजदूरीकबाड़ बीनने और बेलदारी जैसे कामों में लगे थे। कुछ के खिलाफ चोरी और अन्य अपराधों के मामले भी सामने आए हैं।

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राजस्थान सरकार ने 8 मई 2025 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर हर जिले में विशेष टास्क फोर्स और होल्डिंग सेंटर बनाए। इन सेंटरों में घुसपैठियों को अस्थायी रूप से रखा जा रहा है। 15 मई 2025 को 148 लोगों का पहला जत्था विशेष विमान से पश्चिम बंगाल भेजा गया। अगले कुछ दिनों में और लोगों को भेजने की तैयारी है। गृह विभाग इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहा है ताकि कोई चूक न हो। हरियाणा के मेवात इलाके में अब तक 237 से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा जा चुका है। इनमें से नूंह जिले में पुलिस ने 125 बांग्लादेशियों को पकड़ाजो बिना वैध दस्तावेजों के ईंट भट्टों पर काम कर रहे थे। झज्जर के भदानी गांव में 47 और हांसी में 26 घुसपैठिए हिरासत में लिए गए। 12 मई को भी हांसी में 39 लोग पकड़े गए थे। इनमें से कई ने खुद को बंगाली मजदूर बताकर भट्टा मालिकों को गुमराह किया था। पुलिस अब उन मालिकों पर भी कार्रवाई की योजना बना रही हैजो बिना दस्तावेज जांच के अवैध मजदूरों को काम दे रहे हैं। नूंह पुलिस ने स्थानीय कारोबारियों से कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराने की अपील की है।

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