2027 तक बाल श्रम मुक्त प्रदेश बन जाएगा यूपी

अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की हो चुकी है पहचान

2027 तक बाल श्रम मुक्त प्रदेश बन जाएगा यूपी

लखनऊ19 मई (एजेंसियां)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय करते हुए बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है। जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वास तकहर स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैंताकि बचपन को मजबूरी नहींअवसर मिल सके।

योगी सरकार का यह अभियान अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहींबल्कि हर गांवहर गली तक पहुंच चुका हैजहां बचपन मुस्कुरा रहा है और भविष्य आकार ले रहा है। बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में हैश्रम में नहीं। इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरूकता अभियान को धार दिया जाएगा।

योगी सरकार के प्रयासों से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वास कराया गया हैताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें। यही नहींइन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वास के जरिए सहायता दी गई हैताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं। योगी सरकार द्वारा संचालित बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत 2,000 कामकाजी बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गईजिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती हैबल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है।

इसके अलावाबंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल 1,408 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वास कर उन्हें 1,817.21 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। यह प्रयास उन्हें स्वतंत्र और गरिमामय जीवन की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है। श्रम कल्याण परिषद के माध्यम से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 8 कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनके संचालन के लिए सरकार ने 40 करोड़ रुपए की कॉर्पस निधि उपलब्ध कराई है। वर्ष 2024-25 में अब तक 309 श्रमिकों को 1.32 करोड़ रुपए की सहायता देकर राहत पहुंचाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि बचपन से बड़ा कोई भविष्य नहीं होताऔर बच्चों से बड़ा कोई निवेश नहीं। इसी सोच के तहत सरकार प्रदेश के हर बच्चे को बाल श्रम से मुक्त कर शिक्षासुरक्षा और सम्मान की दिशा में अग्रसर कर रही है।

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