पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकियों की तलाश में जुटी एनआईए

पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकियों की तलाश में जुटी एनआईए

श्रीनगर, 22 मई (एजेंसियां)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को आज एक महीना पूरा हो गया है। इस हमले में सीमा पार से आए आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। पुलिस और जांच एजेंसी एनआईए आतंकवादियों की तलाश में जुटी हैं। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए थे। भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। भारत ने आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके में चल रहे आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयर स्ट्राइक की थी और 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारत ने मुरीदकेबहावलपुर और कोटली में एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था। ये जगहें भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबाजैश-ए-मोहम्मद जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों के गढ़ हैं। इन आतंकी संगठनों ने मुंबई से लेकर संसद पर हमले सहित कई वारदातों को अंजाम दिया है।

पहलगाम हमले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने आतंकी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। तब से एनआईए लगातार गवाहों से पूछताछ कर रही है और हमलावरों तक पहुंचने के लिए तकनीक का इस्तेमाल भी कर रही है। पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पांच आतंकवादियों के हाथ होने का शक जताया गया है इनमें से तीन पाकिस्तान के हैं। एनआईए की ओर से तीन आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए गए थे और उनके बारे में सूचना देने वाले को 20-20 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। एनआईए पिछले कुछ दिनों में डेढ़ सौ लोगों से पूछताछ कर चुकी है जिनमें टट्टू चलाने वालेदुकानदारफोटोग्राफर और पर्यटन से जुड़े कामों में लगे लोग शामिल है। इसी तरह कई और लोगों से भी जांच एजेंसी पूछताछ कर चुकी है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में कई आतंकियों के घरों को बुलडोजर की कार्रवाई या ब्लास्ट करके उड़ा दिया गया था।

आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया था और इसमें कई ओवर ग्राउंड वर्कर भी शामिल थे। ऐसा करके पुलिस ने कोशिश की थी कि पहलगाम हमले के बारे में कोई सुराग हासिल किया जाए और यह भी संदेश दिया जाए कि कोई भी शख्स अगर आतंकवादियों का साथ देगा तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। एक अधिकारी ने बताया कि हमले के सुराग को लेकर बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। पुलिस के एक अफसर ने बताया कि हिरासत में लिए गए ज्यादातर लोगों को रिहा कर दिया गया है हालांकि कुछ लोग पहले ओजीडब्ल्यू के तौर पर काम करते थेउन पर नागरिक सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अफसर के मुताबिकजम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए को कई लोगों के बारे में जानकारी मिलीलेकिन ज़्यादातर सुराग झूठे पाए गए।

एक अफसर ने बताया कि हमले के शुरुआती दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने हमलावरों के डिजिटल फुटप्रिंट्स के बारे में पता लगा लिया था और उनके कम्युनिकेशन में भी सेंध लगा दी थी लेकिन इसके बाद से ऐसा लगता है कि आतंकी ऑफलाइन हो गए हैं। हमले के बाद दक्षिण कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशंस में सेना और पुलिस ने स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया था। इनमें आतंकी संगठन टीआरएफ का भी एक टॉप कमांडर शामिल था। पुलिस का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले में टीआरएफ का ही हाथ है। इस बीचभारत पहलगाम आतंकी हमले को लेकर देश दुनिया भर में पाकिस्तान को बेनकाब करने में जुटा हुआ है। इसके लिए भारतीय सांसदों और नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के कई देशों के दौरे पर भेजा गया है।

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