परमेश्वर के बारे में ईडी को कांग्रेसियों ने दी जानकारी : प्रहलाद जोशी
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के इस बयान से सार्वजनिक क्षेत्र में तीखी बहस छिड़ गई है कि कांग्रेस के लोगों ने ही प्रवर्तन निदेशालय को गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के बारे में जानकारी दी थी| गृह मंत्री परमेश्वर के शैक्षणिक संस्थानों पर ईडी की छापेमारी दो दिनों तक चली| यह हमला राजनीति से प्रेरित था और इसके अनेक अर्थ निकाले गए| कांग्रेस इस अर्थ में बात कर रही है कि परमेश्वर एक सभ्य राजनेता हैं, दलित नेता हैं और मुख्यमंत्री पद के आकांक्षी हैं, और इसीलिए उन्हें मुश्किल में डालने के लिए जानबूझकर इस तरह का हमला किया गया|
भाजपा नेताओं ने शुरू में यह आरोप लगाया था कि परमेश्वर का संबंध रान्या राव के सोने की तस्करी मामले से है, लेकिन कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर दलित नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने के बाद उनका रुख ठंडा पड़ गया है| इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि परमेश्वर के शैक्षणिक संस्थान ने रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल के रूप में ४० लाख रुपये का भुगतान किया है| सोने की तस्करी के आरोपी एक व्यक्ति के साथ परमेश्वर के संबंध ने एक अलग तरह की चर्चा को जन्म दिया था| डी.के. शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि परमेश्वर ने कहा था कि धन हस्तांतरण की बात सच है| हम दान-पुण्य के नाम पर शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह और निकाह जैसे कार्यक्रमों में मदद करते हैं| पैसा शायद इसी तरह गया होगा| डी.के. शिवकुमार ने बचाव करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है| यह स्पष्ट है कि यह हमला राजनीति से प्रेरित न होकर वस्तुनिष्ठ साक्ष्यों पर आधारित था| अब केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के बयान ने और राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है|
यह कांग्रेस के कार्यकर्ता ही थे जिन्होंने परमेश्वर के खिलाफ सूचना उपलब्ध कराई थी और मुख्यमंत्री सिद्धरामैया जानते हैं कि वह कौन था| उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसा समूह है जो सोने की तस्करी और उसके व्यापार में संलिप्त है| इसके साथ ही उन्होंने भविष्यवाणी की है कि सोना तस्करी मामला कांग्रेसियों के लिए एक और फांसी का फंदा बनेगा| परमेश्वर एक सभ्य राजनीतिज्ञ हैं| प्रह्लाद जोशी ने कहा कि उनके मन में भी परमेश्वर के प्रति सम्मान है| उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पहले कोरटागेरे में परमेश्वर को हराया था और उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोका था, वे लगातार उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं|
कांग्रेस में रहे परमेश्वर को भाजपा में लाने के कई प्रयास हो चुके हैं| परमेश्वर के कई भाजपा नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और उन्होंने अक्सर कांग्रेस की विचारधारा के साथ-साथ भाजपा के कुछ वैचारिक पदों के लिए समर्थन व्यक्त किया है| इन्हीं परमेश्वर को एक बार कांग्रेस पार्टी में खड़गे को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया गया था| पार्टी के बाहर चिंता है कि परमेश्वर, जिन्होंने केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में आठ साल का रिकॉर्ड बनाया है और पार्टी को एक बार सत्ता में लाए हैं, ऐसी स्थिति में हैं कि उनसे कम से कम उपमुख्यमंत्री पद के लिए पूछा जा रहा है|