40 सांसदों की फौज विदेश कूच करेगी
पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब करेगी सात टीमें
सात टीमों के लीडर तय, थरूर से राहुल को व्यक्तित्व भय
राहुल गांधी ने भेजा पाक-लिंक वाले कांग्रेस सांसद का नाम
नई दिल्ली, 17 मई (एजेंसियां)। जंग के मैदान में पाकिस्तान को घुटने पर लाने के बाद भारत अब एक अहम रणनीति के तहत पाकिस्तान के आतंक समर्थक चेहरे को दुनिया के सामने लाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 40 सांसदों की सात टीम बनाई है, जिसमें विपक्षी दल के भी सांसद है, जो विदेशों का दौरा कर वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की पोल खोलेंगे। प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा 22 मई के बाद शुरू होने वाला है। सांसदों की सात टीमों में से एक टीम का नेतृत्व करने के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर का चयन किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी नाराज हैं। कांग्रेस नेता की नाराजगी का कारण यह है कि शशि थरूर का नाम पार्टी की तरफ से भेजा ही नहीं गया था। राहुल गांधी को गौरव गोगोई जैसे सांसद पसंद हैं, जिनकी पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से लिंक हैं और ऑपरेशन सिंदूर प्रारंभ होने के पहले खुद गौरव गोगोई 15 दिन पाकिस्तान रह कर आए हैं। शशि थरूर का नाम तय होने से राहुल गांधी का व्यक्तित्व-भय एक बार फिर उजागर हुआ है।
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपने जीरो टॉलरेंस के संदेश को वैश्विक पटल पर मजबूती से रखने के लिए इस महीने के अंत में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को प्रमुख साझेदार देशों में भेजेगी। संसदीय कार्य मंत्रालय की तरफ से शनिवार को जारी बयान में कहा गया, यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के विरुद्ध भारत की सर्वसम्मत और दृढ़ रणनीति को दुनिया के सामने रखेगा। वे आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ भारत के सख्त रुख का संदेश लेकर जाएंगे। सरकार ने इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले नेताओं का चयन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से किया है, जो अलग-अलग वैचारिक पृष्ठभूमि से आते हैं।
सात प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए जिन सात नेताओं का चयन किया गया है, उनमें रवि शंकर प्रसाद (भाजपा सांसद), बैजयंत पांडा (भाजपा सांसद), शशि थरूर (कांग्रेस सांसद), संजय झा (जदयू सांसद), कनीमोझी (डीएमके सांसद), सुप्रिया सुले (एनसीपी शरद पवार गुट सांसद) और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना सांसद) के नाम शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल पांच अलग-अलग देशों का दौरा करेगा। इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देश और भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार देश शामिल होंगे। भारत सरकार ने कहा है कि हर प्रतिनिधिमंडल में भारत के वरिष्ठ और अनुभवी राजनयिक शामिल होंगे। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में चार नेता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडी गठबंधन से आते हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वह क्षण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है जिस समय पूरा भारत एकजुट होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ हमारी साझा नीति को दुनिया के सामने रखेंगे, यह राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का मजबूत प्रतीक है।
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में छह से सात सांसद और कई राजनयिक शामिल होंगे। हर प्रतिनिधिमंडल चार से पांच देशों का दौरा करेगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को सबसे अहम जिम्मेदारी मिलने वाली है। शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका भेजा जा सकता है। अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को सबसे अहम जिम्मेदारी मिली है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया भेजा जा सकता है। वहीं सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को ओमान, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और मिस्र (इजिप्ट) की सरकारों को ब्रीफ करने के लिए भेजा जा सकता है। संजय झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया भेजा जा सकता है।
भारत सरकार ने सावधानी से नेताओं का चयन किया है और लगभग हर पार्टी के सांसदों को प्रतिनिधिमंडल में जगह देने की कोशिश की है, ताकि पूरी दुनिया में एकजुटता का संदेश दिया जा सके। इन सांसदों में अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृज लाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा, भुवनेश्वर कालिता भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को भी इसमें शामिल किया गया है। हालांकि वे फिलहाल सांसद नहीं हैं। सरकार ने टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी शामिल किया था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इन्कार कर दिया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मैं भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जिसमें मुझे हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण पांच महत्वपूर्ण देशों की राजधानियों में जाकर प्रस्तुत करने के लिए सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को कहा गया है। एनसीपी एसपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, पीएम मोदी ने सांसदों की सात समितियां बनाई हैं, जो दूसरे देशों में जाकर ऑपरेशन सिंदूर की कहानी का हमारा पक्ष उन देशों के सामने रखेंगी। कल मुझे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का फोन आया, जिन्होंने मुझे इनमें से एक समिति का हिस्सा बनने के लिए कहा। यह बहुत स्पष्ट है कि जब हमारे देश का सवाल होता है, तो हम सब एक साथ होते हैं। सांसदों की प्रत्येक समिति में पांच सदस्य होंगे, जो लगभग 10 दिनों के दौरे पर जाएंगे, जिसमें पांच से आठ देश शामिल होंगे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर भारत के रुख को समझाने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए चार सांसदों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का नाम भेजा था। राहुल गांधी की लिस्ट में शशि थरूर का नाम शामिल नहीं किया गया था। लेकिन भारत सरकार ने शशि थरूर का चयन किया और उन्हें सात टीम-लीडर में भी शामिल किया। इससे राहुल गांधी काफी खफा हैं। कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया भी जाहिर की है। कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, राहुल गांधी और जयराम रमेश अपने ही कांग्रेसी सांसद शशि थरूर का संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने का विरोध कर रहे हैं। राहुल गांधी भारत के लिए बोलने वाले हर व्यक्ति से नफरत क्यों करते हैं, यहां तक कि अपनी पार्टी में भी? भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, इससे कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला है। यह कांग्रेस शासित राज्यों के लिए भी अच्छा नहीं होगा। यह राजनीति का विषय नहीं है। यह केंद्र सरकार की महानता है कि वे हर पार्टी से कुछ सांसदों को (प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए) चुन रहे हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि कांग्रेस की सूची में शामिल सांसदों में से एक गौरव गोगोई ने पाकिस्तान में दो हफ्ते तक रहने की बात से इन्कार नहीं किया है। विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उनकी पत्नी भारत में काम करते हुए पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन ले रही थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और दलगत राजनीति से परे, मैं लोकसभा के नेता राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि इस व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील और रणनीतिक काम में शामिल न करें।