ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकाने ध्वस्त
इजराइल ने ईरान के अंदर घुस कर मचाई तबाही
ईरान के चीफ कमांडर समेत कई अधिकारी मारे गए
ईरान के छह परमाणु वैज्ञानिक भी हमले में मारे गए
तेहरान, 13 जून (एजेंसियां)। इजराइल द्वारा ईरान के दर्जनों परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले में ईरान का नतांज स्थित मुख्य परमाणु संयंत्र, परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिक और ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के केंद्र शामिल हैं। इजराइल ने इस ऑपरेशन को राइजिंग-लायन नाम दिया है और यह कई दिनों तक जारी रह सकता है। इजराइली हमले में ईरान के चीफ कमांडर हुसैन सलामी के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि हुई है। इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने भी इजराइल पर जवाबी हमले की बात कही है। इजराइल ने दावा किया है कि 200 से ज्यादा फाइटर जेट से ईरान में किए गए हमलों में ईरानी सेना के तीन बड़े कमांडर मारे गए हैं। इनमें ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के कमांडर और ईरान के इमरजेंसी कमांड के कमांडर शामिल हैं। इजराइल का कहना है कि ये तीनों बहुत ही क्रूर हत्यारे थे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खून बहाया है। इजराइल के अनुसार, इनके बिना दुनिया अब ज्यादा सुरक्षित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु समझौता करने की अपील दोहराई और कहा कि रक्तपात और विनाश रोकने के लिए जरूरी है।
इजराइल ने हमले से पहले ईरान में ड्रोन और अन्य हथियारों की तस्करी की थी। यह ड्रोन और हथियार मोसाद खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर आईडीएफ ने ईरान में पहुंचाए थे। अधिकारी के मुताबिक मोसाद एजेंटों ने तेहरान के पास ईरानी धरती पर ड्रोन बेस स्थापित किया। ड्रोन रात भर में सक्रिय हो गए। इसके अलावा हथियार प्रणालियों से लदे वाहनों को भी ईरान में तस्करी कर लाया गया। इसने ईरान की हवाई सुरक्षा को नष्ट कर दिया तथा इजराइली विमानों को ईरान पर हवाई प्रभुत्व और कार्रवाई की स्वतंत्रता प्रदान की। तीसरा गुप्त प्रयास मोसाद कमांडो द्वारा मध्य ईरान में विमान रोधी स्थलों के पास सटीक मिसाइलों की तैनाती करना था। अधिकारी ने कहा कि ये ऑपरेशन अभूतपूर्व सोच, साहसिक योजना और उन्नत तकनीकों, विशेष बलों और एजेंटों के सर्जिकल ऑपरेशन पर आधारित थे, जो स्थानीय खुफिया एजेंसियों की नजरों से पूरी तरह बचते हुए ईरान के मध्य में काम कर रहे थे।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल ने ईरान के परमाणु बम बनाने वाले वैज्ञानिकों पर भी हमला किया है। बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को उनके नेतृत्व और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का विरोध करने के लिए धन्यवाद दिया। नेतन्याहू ने कहा कि अगर इजराइल अभी कार्रवाई नहीं करेगा, तो अगली पीढ़ी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। ईरान के पास अब 9 परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम जमा हो गया है और इजराइल उसे ऐसा करने से रोकेगा।
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने ईरान पर हमले के बाद पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की है। इजराइल कैट्ज ने चेतावनी दी है कि ईरान की ओर से मिसाइल और ड्रोन हमले होने की आशंका है। पूरे इजराइल में सायरन बज रहे हैं और प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने सुरक्षा मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी आक्रामकता के जवाब में यह हमला किया है। इस हमले के बाद इराक ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है, जिससे विमानों की आवाजाही रुक गई है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम जमा होने की खबरें आ रही थीं, जिसे इजराइल अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। इजराइल ने इस कार्रवाई को एहतियात के तौर पर किया गया हवाई हमला बताया है।
उधर, ईरान ने इजराइली हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड के मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह के मारे जाने की पुष्टि की है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने दो शीर्ष सैन्य कमांडरों के मारे जाने के बाद उनकी जगह नए अधिकारियों की नियुक्ति की है। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि जनरल अब्दुल रहीम मौसावी को सशस्त्र बलों का नया प्रमुख बनाया गया है। वह जनरल मोहम्मद बाघेरी की जगह लेंगे। मूसेवी इससे पहले ईरानी सेना के प्रमुख थे। खामेनेई ने मोहम्मद पाकपौर को अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड का नया प्रमुख नियुक्त किया है। वह जनरल हुसैन सलामी की जगह लेंगे। ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड को 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद बनाई गई थी। इजराइली हमले में मारे गए परमाणु वैज्ञानिकों में अब्दुलहामिद मिनोचेहर, अहमदरेजा जोल्फागरी, अमीर हुसैन फेकी, मोटालेब्लिजादेह, मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फेरेदून अब्बासी शामिल हैं।
इजराइली हमले और ईरानी प्रतिकार के माहौल में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, हम ईरान और इजराइल के बीच हुए घटनाक्रमों से बहुत चिंतित हैं। हम परमाणु स्थलों पर हमलों से संबंधित रिपोर्टों सहित उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। भारत दोनों पक्षों से किसी भी तरह के आक्रामक कदम से बचने का आग्रह करता है। स्थिति को कम करने और अंतर्निहित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति के मौजूदा चैनलों का उपयोग किया जाना चाहिए। भारत के दोनों देशों के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और वह हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। दोनों देशों में हमारे मिशन भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं। क्षेत्र में सभी भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने, सुरक्षित रहने और स्थानीय सुरक्षा सलाह का पालन करने की सलाह दी जाती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइली हमले के बीच ईरान से कहा है कि पहले ही बहुत मौतें और विनाश हो चुका है, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है। ट्रंप ने ईरानी पक्ष को फिर से परमाणु समझौता करने को कहा है। ट्रंप ने चेतावनी भी दी कि इजराइल के हमले और भी बुरे होंगे। अब भी समय है, इस रक्तपात को रोका जा सकता है। हमले की अगली योजना पहले से ही बनाई जा चुकी है और वे पहले से कहीं ज्यादा क्रूर होंगे। ट्रंप ने कहा, अमेरिका दुनिया में अब तक का सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है, और इजराइल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है, और आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा, और वे इसका इस्तेमाल करना जानते हैं। समझौते को लेकर कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर होगा।
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