न आपने मध्यस्थता की, न हमें मध्यस्थता स्वीकार है
कनाडा शिखर सम्मेलन में भारत का डंका बजा आए मोदी
राष्ट्रपति ट्रंप से पीएम मोदी ने टेलीफोन पर कहा
पाकिस्तान की चिरौरी पर हुआ है अस्थायी युद्ध-विराम
आतंकी घटना हुई तो उसे युद्ध मान कर होगी कार्रवाई
लौटते में यूएस आने का ट्रंप का आग्रह मोदी ने टाला
अल्बर्टा कनानास्किस, 18 जून (एजेंसियां)। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के आमंत्रण पर जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन में हाजिर होने गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रोएशिया रवाना होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से करीब 35 मिनट फोन पर बात हुई।
जी-7 शिखर सम्मेलन में हाजिरी लगा कर फौरन अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से कनाडा से लौटते हुए वाशिंगटन में थोड़ी देर रुकने का आग्रह किया, लेकिन पीएम मोदी ने अन्य व्यस्तताओं का हवाला देकर उनका आग्रह इस बार के लिए टाल दिया। ट्रंप से हुई वार्ता में मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान ने युद्ध विराम की चिरौरी की थी, इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को अल्पकालिक तौर पर स्थगित किया गया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि शर्त के साथ हुए इस युद्ध विराम में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी और न भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार करेगा। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब आतंकवाद के नाम पर की जा रही हरकतों को प्रॉक्सी वार या छद्म युद्ध नहीं कहा जाएगा, बल्कि आतंकी किसी भी हरकत को औपचारिक युद्ध माना जाएगा और युद्ध के अनुरूप ही कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत आने का न्यौता दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया। इस वार्ता के बाद प्रधानमंत्री क्रोएशिया के लिए रवाना हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच हुई टेलीफोनिक वार्ता की आधिकारिक जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर आज दोनों नेताओं ने फोन पर बात की। उन्होंने करीब 35 मिनट तक बात की। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर संवेदना जताई थी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन भी जताया था। उसके बाद यह पहली बार था, जब वे आपस में बात कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से साफ-साफ कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी और किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका ट्रेड डील या भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई। सैन्य कार्रवाई रोकने के बात सीधे भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच मौजूद चैनल के जरिए हुई थी। पाकिस्तान के आग्रह के बाद ही यह बातचीत हुई थी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने न कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनीतिक एकमत है। ट्रंप ने पीएम मोदी की ओर से बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद को अब प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि युद्ध के रूप में ही देखता है। भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।
विदेश सचिव ने बताया, राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से लौटते समय अमेरिका में रुकेंगे। पूर्व निर्धारित प्रतिबद्धताओं के कारण पीएम मोदी ने ऐसा करने में असमर्थता जताई। दोनों नेताओं ने तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने की कोशिश करेंगे। क्वाड की अगली बैठक के लिए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आमंत्रित किया। निमंत्रण स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे भारत आने के लिए उत्साहित हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई वार्ता कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण रही और इसने न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश देने का भी काम किया। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने साफ-साफ बताया कि 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले के बाद यह पहली बार था जब पीएम मोदी और ट्रंप ने सीधे बात की। इस बातचीत में ट्रंप ने हमले में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जताई और भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख का समर्थन किया। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि बड़बोली और आत्ममुग्ध मीडिया टिप्पणियों से ऐसा लग रहा था कि जैसे भारत और अमेरिका के बीच कई बार बात हो चुकी है। ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने व्यापार का दबाव डालकर भारत को पाकिस्तान से बात करने और युद्ध विराम के लिए राजी किया। विक्रम मिस्री के बयान ने साफ कर दिया कि ट्रंप का ये शांति स्थापित करने वाला दावा पूरी तरह हवाबाजी से भरा और भ्रामक था।
टेलीफोनिक बातचीत में पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया है कि पहलगाम हमले का जवाब वह जबरदस्त तरीके से देगा। मोदी ने कहा कि 6-7 मई 2025 की रात को भारत की ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई एक संयमित, गैर-उकसावे वाली और सटीक सैन्य कार्रवाई थी, जो पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ढांचों पर केंद्रित थी। मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत ने पहले भी पाकिस्तान की किसी भी उकसावे की कार्रवाई का जवाब दिया है और आगे भी देगा और वो भी बड़े पैमाने पर। पीएम मोदी का यह बयान नए भारत की ताकत और आत्मविश्वास को दिखाता है। नया भारत किसी विदेशी ताकत के इशारे पर नहीं चलता, बल्कि अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए दुश्मन को करारा जवाब देता है। पीएम मोदी का बयान शांत लेकिन दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने ट्रंप को ये भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण के बाद 9 मई की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें फोन करके पाकिस्तान की ओर से एक बड़े हमले की चेतावनी दी थी। भारत ने वेंस को बहुत साफ शब्दों में बता दिया कि पाकिस्तान की किसी भी उकसावे की कार्रवाई का जवाब भारत और जोरदार और बड़ा देगा। और भारत ने ऐसा ही किया। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि पाकिस्तान की उकसावे की कार्रवाई के जवाब में भारत ने सटीक सैन्य हमले किए, जिन्होंने पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया और उनके हवाई अड्डों को बेकार कर दिया। भारत ने पूर्ण हवाई वर्चस्व हासिल कर लिया। इसके बाद पूरी तरह टूट चुका पाकिस्तान भारत से युद्ध विराम की गुहार लगाने को मजबूर हो गया। ये भारत की सैन्य ताकत और रणनीतिक चतुराई का सबूत है।
पीएम मोदी ने ट्रंप को साफ-साफ याद दिलाया कि न तो पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के साथ और न ही अमेरिकी नेतृत्व के साथ किसी भी बातचीत में व्यापार का जिक्र तक हुआ। उन्होंने यह भी साफ किया कि भारत ने कभी भी अमेरिका के साथ मध्यस्थता की बात नहीं की, क्योंकि भारत पाकिस्तान के साथ अपने द्विपक्षीय मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं करेगा। भारत में इस मुद्दे पर पूरी राजनीतिक सहमति है। मोदी ने ट्रंप को बताया कि सैन्य कार्रवाई को रोकने की सारी बातचीत भारत और पाकिस्तान के स्थापित सैन्य चैनलों के जरिए हुई, जिसमें कोई तीसरा देश शामिल नहीं था और न ही कोई व्यापार सौदा इसका हिस्सा था। मोदी ने ये भी दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और भारत अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानेगा। ये बयान भारत की स्पष्ट और अटल नीति को दर्शाता है। एक साहसिक और रणनीतिक कदम उठाते हुए, पीएम मोदी ने ट्रंप के अमेरिका में स्टॉप ओवर मीटिंग के न्यौते को विनम्रता से ठुकरा दिया। ट्रंप ने मोदी को कनाडा से भारत लौटते वक्त अमेरिका में रुक कर मुलाकात करने का न्यौता दिया था, लेकिन मोदी ने कहा कि उनके पास पहले से तय कार्यक्रम और जिम्मेदारियां हैं, इसलिए स्टॉप ओवर संभव नहीं है। ये विनम्र इनकार एक ताकतवर संदेश देता है।
बिना कुछ कहे मोदी ने अमेरिका को बता दिया कि भारत अब कोई छोटा देश नहीं है, जिसके नेता बड़े देशों के बुलावे पर दौड़ पड़ें। ये इनकार भारत की प्राथमिकताओं और आज की दुनिया में उसकी ताकत और आत्मसम्मान को दिखाता है। ये कदम भारत की बढ़ती वैश्विक हैसियत का प्रतीक है। ट्रंप के स्टॉप ओवर न्यौते का समय बहुत अहम है। अभी पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर अमेरिका में हैं। वो 15 जून से 5 दिन के दौरे पर हैं और ट्रंप से मुलाकात की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में ट्रंप का मोदी को स्टॉप ओवर के लिए बुलाना शायद इस कोशिश का हिस्सा था कि वो मोदी और मुनीर को एक साथ एक कमरे में या एक मेज पर लाकर अपनी शांति स्थापक वाली छवि को और चमकाएं। ट्रंप पहले भी दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध रोका। उनकी बयानबाजी और आत्म प्रचार को देखते हुए, ये सोचना गलत नहीं कि वो मोदी और मुनीर की तस्वीरों का इस्तेमाल करके अपने शांति स्थापक दावे को और बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते।
लेकिन मोदी ने स्टॉप ओवर का ऑफर ठुकरा कर ट्रंप की इस पीआर चाल को पूरी तरह नाकाम कर दिया। साथ ही मुनीर को भी बता दिया कि भारत उनकी तरह के नेताओं के साथ बेकार की नौटंकी में वक्त नहीं गंवाएगा। यह कदम ट्रंप और मुनीर दोनों को भारत की चतुराई और दृढ़ता का आईना दिखाता है। पीएम मोदी ने इस साल के अंत में संभावित क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया।
विक्रम मिस्री ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि दोनों पक्षों के बीच जल्द से जल्द शांति के लिए सीधी बातचीत जरूरी है। इस दिशा में प्रयास जारी रहने चाहिए। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ट्रंप और मोदी ने अपने विचार साझा किए और क्षेत्र में क्वाड की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए समर्थन व्यक्त किया। मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को अगली क्वाड बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया और कहा है कि वह भारत आने के लिए उत्सुक हैं।
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