भारत ने एहतियात में उठाए कई अहम कदम

 इजराइल-ईरान युद्ध तेज हुआ तो भारत पर भी पड़ेगा असर

भारत ने एहतियात में उठाए कई अहम कदम

 तेल की कीमतों से लेकर व्यापार तक होगा प्रभावित

नई दिल्ली, 17 जून (एजेंसियां)। इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष पांचवें दिन पर पहुंच चुका है। इजराइल ने ईरान पर जबरदस्त हमले किए। ईरान ने भी जवाबी हमले किए हैं। इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों से लेकर सैन्य अफसरों तक को एयर स्ट्राइक में निशाना बनाया और ईरान को भारी नुकसान पहुंचाया। पश्चिम एशिया की ऐसी स्थिति को देखते हुए भारत ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इजराइल और ईरान का संघर्ष अब पूरी तरह युद्ध में बदलता हुआ दिख रहा है, ऐसे में इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा। दोनों देशों में भारतीयों की अच्छी-खासी संख्या भी पूर्ण युद्ध की स्थिति में खतरे में पड़ सकती है।

अमेरिका की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारत फिलहाल ईरान से कच्चा तेल आयात नहीं करता। लेकिन दुनियाभर में तेल के एक अहम सप्लायर के तौर पर चिन्हित ईरान से तेल की आपूर्ति रुकने से ओपेक देशों पर इसका भार पड़ेगा। नतीजतन तेल उत्पादक देश कच्चे तेल के दामों को बढ़ा सकते हैं। मौजूदा समय की बात की जाए तो ब्रेंट क्रूड 74-75 डॉलर प्रति बैरल पर हैजो कि पिछले बंद से करीब 1.5 फीसदी ज्यादा है। हालांकिभारत की चिंता ईरान की तरफ से पश्चिमी देशों को दी गई एक धमकी है। ईरान ने कहा है कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य बंद कर देगा। लाल सागर के अलावा इस बार होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरने वाला मार्ग एक ऐसा कारक हैजो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। वैश्विक पेट्रोलियम पदार्थों की खपत का 21 प्रतिशत इसी मार्ग से गुजरता है। भारतचीनजापान और दक्षिण कोरिया इस मार्ग से कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए शीर्ष गंतव्य हैं। ओमान भी भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए इसी मार्ग का इस्तेमाल करता है।

यूरोप के साथ भारत का करीब 80 फीसदी वस्तु व्यापार लाल सागर के जरिए होता है। अमेरिका के साथ भी काफी व्यापार इसी मार्ग से होता है। लाल सागर और होर्मुज जलडमरूमध्य इन दोनों भौगोलिक क्षेत्रों के जरिए भारत कुल 34 फीसदी निर्यात करता है। लाल सागर मार्ग से दुनिया के 30 फीसदी कंटेनर गुजरते हैंजबकि 12 फीसदी वैश्विक व्यापार इसी रास्ते हो होता है। विश्लेषकों का कहना है कि यह युद्धअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उच्च टैरिफ की घोषणा के बाद वैशि्वक व्यापार पर पड़ने वाले दबाव को और बढ़ाता है। टैरिफ के असर को देखते हुएविश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) पहले ही आशंका जता चुका है कि 2025 में वैश्विक व्यापार में 0.2 फीसदी की गिरावट आएगी।इससे पहले 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था।

ईरान और इजराइल एक-दूसरे पर जबरदस्त हवाई हमले कर रहे हैं। इसके चलते दोनों ही देशों ने अपने हवाई क्षेत्रों को यात्री विमानों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। इसका असर दुनियाभर के साथ भारत के उड्डयन क्षेत्र में सबसे ज्यादा पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर भारत के नई दिल्ली से ब्रिटेन के लंदन जाने वाली फ्लाइट को अभी ईरान के एयरस्पेस से उड़ान भरते हुए जाना होता हैजो कि सबसे सीधा और आसान रास्ता है। हालांकिरूट बदलने से न सिर्फ यात्रियों के लिए यात्रा का समय बदलता हैबल्कि एयरलाइन कंपनियों को अपना किराया भी बढ़ाना पड़ता हैक्योंकि लंबे रूट्स पर ईंधन का खर्च भी ज्यादा होता है और क्रू के सदस्यों के काम की समयसीमा भी ज्यादा होती है।

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हालांकिमौजूदा स्थिति में भारत की एयरलाइन कंपनियों को तुर्कमेनिस्तान या सऊदी अरब का रूट लेना पड़ रहा हैजिसके चलते नए रूट से फ्लाइट्स को गंतव्य तक पहुंचने में 45 से 90 मिनट तक ज्यादा लग रहे हैं। इसे लेकर भारतीय विमानन कंपनी इंडिगो ने कहा है कि खाड़ी देशों में मौजूदा स्थिति के चलते यात्रा के समय में बढ़ोतरी होगी। इसी तरह एयर इंडिया ने भी एडवाइजरी में कहा कि ईरान और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में स्थितियों को देखते हुए फिलहाल फ्लाइट्स लंबे और वैकल्पिक रूट पर चल रही हैंताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ईरान में फंसे छात्रों को निकालने में भारत को बड़ी सफलता मिली। करीब 110 छात्र ईरान के जमीनी बॉर्डर से आर्मेनिया पहुंचेजहां से उन्हें विमानों के जरिए दिल्ली लाया जाएगा। इस बीच भारत ने तेहरान में रह रहे अपने लोगों से शहर से बाहर जाने और सुरक्षित ठिकाना ढूंढ़ने की अपील की। साथ ही भारतीय दूतावास से लगातार सम्पर्क में रहने को भी कहा गया। इसके लिए दूतावास की तरफ से आपात हेल्पलाइन जारी की गई है।

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