ऊर्जा सुरक्षा के लिए 4-ए मंत्र पर चले विश्व

जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में बोले पीएम मोदी

 ऊर्जा सुरक्षा के लिए 4-ए मंत्र पर चले विश्व

तकनीक के प्रति मानवीय केंद्रित है भारत का दृष्टिकोण

अल्बर्टा कनानास्किस, 18 जून (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में उपलब्धतापहुंचवहनीयता और स्वीकार्यता के 4-ए दृष्टिकोण के जरिए ऊर्जा सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने एआई को उपयोगी लेकिन ऊर्जा-खपत वाली तकनीक बताया और इसे टिकाऊ बनाने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही पीएम मोदी ने मानव-केंद्रित तकनीक और वैश्विक सहयोग की बात भी कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 आउटरीच सत्र को संबोधित किया। इस सत्र का विषय था, ऊर्जा सुरक्षा: विविधतातकनीक और बुनियादी ढांचा ताकि बदलती दुनिया में पहुंच और वहन क्षमता सुनिश्चित की जा सके। इस विषय पर पीएम मोदी ने बताया कि भारत का तकनीक के प्रति दृष्टिकोण मानवीय केंद्रित है। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत के 4-ए सिद्धांतों पर जोर दिया। जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी को धन्यवाद दिया और जी-7 समूह को उसकी 50वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। समावेशी विकास की भारतीय प्रतिबद्धता उपलब्धता (अवेलेबिलिटी), पहुंच (एक्सेसिबिलिटी), वहनीयता (अफॉर्डेबिलिटी) और स्वीकार्यता (एक्सेप्टेबिलिटीजैसे चार सिद्धांतों पर आधारित है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भले ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था हैलेकिन उसने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले ही पूरा कर लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने नई तकनीकों से जुड़ी चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने तकनीकआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ऊर्जा के आपसी संबंधों पर बात की। उन्होंने कहा कि जहां एआईकौशल और नवाचार बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन चुका हैवहीं यह खुद भी ऊर्जा की खपत करता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम इसे स्वच्छ और हरित तरीकों से टिकाऊ बनाएं।

भारत के मानव केंद्रित तकनीकी दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी तकनीक तभी प्रभावी होती हैजब वह आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाए। एआई से जुड़ा वैश्विक शासन (गवर्नेंस) एक अहम मुद्दा हैजिसे हल करना जरूरी हैताकि नवाचार को बढ़ावा मिले। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एआई के दौर में महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षित और लचीली आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में मौजूद विविध और उच्च गुणवत्ता वाला डाटा जिम्मेदार एआई के लिए जरूरी है।

पीएम मोदी ने कहा कि तकनीक-आधारित दुनिया में सतत विकास के लिए देशों को मिलकर काम करना होगा और इसके लिए लोगों को प्रगति के केंद्र में रखना होगा। प्रधानमंत्री ने दुनिया के सामने भारत की हरित और टिकाऊ भविष्य की प्रतिबद्धता को लेकर बताया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधनआपदा-रोधी बुनियादी ढांचा गठबंधनवैश्विक जैव ईंधनमिशन लाइफ, वन सन-वन वर्ल्ड-वन ग्रिड जैसी कई वैश्विक पहल शुरू की हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन पहलों को और मजबूत करने की अपील की।

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