भारत को जल्द मिलेगा एस-400 सुरक्षा सिस्टम
एससीओ समिट के बीच मिले रूस और भारत के रक्षा मंत्री
भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों की भी हुई भेंट
किंगदाओ (चीन), 27 जून (एजेंसियां)। चीन के किंगदाओ में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष आंद्रेई बेलोसोव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने एस-400 सिस्टम की डिलीवरी, एसयू-30 एमकेआई के अपग्रेड और समय-सीमा में सैन्य हार्डवेयर की खरीद को लेकर बात की। रूस ने इस रक्षा उपकरणों की शीघ्र आपूर्ति का आश्वासन दिया है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों, सीमा पार आतंकवाद और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को कवर करते हुए कई विषयों पर चर्चा की। रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसोव ने भारत-रूस के दीर्घकालिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पहलगाम हमले को भयावह और कायराना आतंकवादी कृत्य बताते हुए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि एससीओ समिट को लेकर तैयार हुए साझा घोषणा पत्र में चीन ने बड़ी मक्कारी से पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया था। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस गंभीर खामी पर दुनिया का ध्यान दिलाया और घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया। ऐसे में उसी स्थान पर उसी समिट के दौरान रूस द्वारा पहलगाम हमले की फिर से निंदा करने का सार्थक संदेश पूरी दुनिया को मिला है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साझा बयान पर हस्ताक्षर न करने के फैसले को सही बताया। उन्होंने कहा, एससीओ का मुख्य मकसद आतंकवाद से लड़ना है, लेकिन एक देश ने बयान में आतंकवाद का जिक्र करने से इन्कार कर दिया। जब एक सदस्य देश आतंकवाद पर बात नहीं चाहता, तो भारत को ऐसे बयान को स्वीकार नहीं ही करना चाहिए। राजनाथ सिंह ने भी स्पष्ट किया कि अगर बयान में आतंकवाद का जिक्र नहीं होगा, तो भारत हस्ताक्षर नहीं करेगा।
बहरहाल, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक हाल ही में हुई सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक थी। इसमें रक्षा उत्पादन बढ़ाने को लेकर बात हुई और इसमें वायु रक्षा, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, आधुनिक क्षमताओं और हवाई प्लेटफार्मों के उन्नयन पर चर्चा हुई। बैठक में प्रमुख तौर पर एस-400 सिस्टम की आपूर्ति, एसयू-30 एमकेआई के विकास और समय सीमा में महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की खरीद पर भी बात हुई। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने और बेलोसोव ने दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसोव से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-रूस रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर गहन विचार-विमर्श किया।
दूसरी तरफ, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची से मुलाकात की और मौजूदा स्थितियों पर विस्तार से चर्चा की। जयशंकर ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी में मदद करने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। इस बातचीत की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि उन्होंने मौजूदा जटिल हालात पर ईरान का नजरिया जाना और ईरान के प्रति भारत सरकार के दोस्ताना सोच को ईरान के विदेश मंत्री के साथ साझा किया।
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