मुझे नहीं पता कि सितंबर के बाद किस तरह की क्रांति होगी: शिवकुमार

-राजन्ना के राजनीतिक क्रांति वाले बयान का मामला

मुझे नहीं पता कि सितंबर के बाद किस तरह की क्रांति होगी: शिवकुमार

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना द्वारा राजनीतिक क्रांति पर दिए गए बयान पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा, मुझे नहीं पता कि सितंबर के बाद किस तरह की क्रांति होगी| मैं राजन्ना से इस बारे में चर्चा करूंगा और जवाब दूंगा|

मैं सत्ता केंद्रों पर भी टिप्पणी नहीं करूंगा| उन्होंने जोर देकर कहा कि राजन्ना को खुद जवाब देना चाहिए| दूसरी ओर, गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा मुझे नहीं पता कि राजन्ना ने किस सूचना पर कहा| राजन्ना, जो एक जिम्मेदार पद पर हैं, बिना उचित जानकारी के ऐसी बातें नहीं कह सकते| उन्होंने यह कहकर जिज्ञासा जगाई कि कुछ जानकारी हो सकती है|

राजनीतिक बदलावों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है| मुख्यमंत्री के पास खुफिया विभाग है, मेरे पास नहीं है| हालांकि, मेरे पास कोई जानकारी नहीं है| मंत्री के.एन. राजन्ना और सतीश जारकीहोली ने जहां तक उन्हें पता है, बयान दिया है|  मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है| मैंने गुरुवार रात मुख्यमंत्री सिद्धरामैया से मुलाकात की| वह और मैं अक्सर मिलते रहते हैं| इसमें कुछ खास नहीं है| मैं पुलिस विभाग में कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उनसे हर दिन मिलता रहता हूं| पुलिस विभाग का वार्षिक सम्मेलन होगा, और मैंने मुख्यमंत्री को इसके बारे में जानकारी दे दी है|

उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी राजनीतिक या विशेष नहीं है| राजन्ना के बयानों ने राज्य की राजनीति में बड़ी हलचल मचा दी है| राजन्ना ने मंत्री और पार्टी अध्यक्ष को बदलने की बात कही और कहा कि कर्नाटक में अतिरिक्त शक्ति केंद्रों को कम किया जाएगा| इससे यह व्याख्याएं सामने आ रही हैं कि कांग्रेस सरकार में कुछ भी ठीक नहीं है| इससे पहले सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने कहा कि राज्य में सत्ता केंद्रित पद अधिक हैं|

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इसलिए, संघर्ष अधिक हैं| नवंबर तक एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा| विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की राय है कि २०१३-२०१८ के बीच मुख्यमंत्री रहे सिद्धरामैया अब दिखाई नहीं दे रहे हैं| उन्होंने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस में सत्ता केंद्र इसका कारण हैं| १,२,३,४ कांग्रेस में जितने चाहें उतने सत्ता केंद्र गिन सकते हैं| सिद्धरामैया अपने अनुभव में सब कुछ संभाल रहे हैं| लेकिन अभी भी संघर्ष हैं|

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-अगस्त से नवंबर के बीच सब कुछ ठीक होगा


अगस्त से नवंबर के बीच सब कुछ ठीक हो सकता है| उन्होंने कहा कि बदलाव का एक छोटा बवंडर चल रहा है| हाईकमान सब कुछ देख रहा है| सही समय पर सही निर्णय लिया जाएगा| राज्य में गारंटी योजनाओं के कारण वित्तीय बोझ है| लेकिन वित्तीय संकट नहीं है| मुख्यमंत्री हर महीने १५ से २० दिन जिलों का दौरा कर रहे हैं और विकास कार्यों का शुभारंभ कर रहे हैं| अगर पैसा नहीं है तो क्या इस तरह काम शुरू करना संभव है? विधायकों को उनकी उम्मीद के मुताबिक फंड नहीं मिल सकता है| लेकिन सिद्धरामैया अपनी क्षमता से परे जाकर पार्टी मतभेदों को भुलाकर सभी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों को फंड दे रहे हैं|

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