कोर्ट ने बसवराज बोम्मई के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बसवराज बोम्मई के खिलाफ वक्फ संपत्ति मामले में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है| पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने दोनों मामलों में कानूनी लड़ाई जीत ली है|
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने तर्क दिया था कि बसवराज बोम्मई द्वारा दिए गए बयान में कोई भड़काऊ तत्व नहीं थे| दलीलें सुनने के बाद, न्यायमूर्ति एसआर कृष्णकुमार की हाईकोर्ट की एकल सदस्यीय पीठ ने मामले को खारिज करते हुए आदेश दिया| इस मामले में २०२४ में हावेरी जिले के सावनूर और शिग्गांव पुलिस थानों में मामले दर्ज किए गए थे|
बाद में पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने मामले को खारिज करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी| अर्जी पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया| बोम्मई के पिछले बयान ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया था| ऐसा लगता है जैसे उन्होंने सावनूर में खड़े होकर पत्थर फेंका और जिस जमीन पर पत्थर गिरा, उसे वक्फ की संपत्ति मान लिया गया| भोवी समुदाय के लिए घर बनाने के लिए ३ साल पहले पैसा जारी किया गया था|
हालांकि, बसवराज बोम्मई ने एक बयान दिया था कि उन्होंने उस जमीन को भी वक्फ की संपत्ति कहा था| यह कहते हुए शिकायत दर्ज की गई थी कि यह एक भड़काऊ बयान था| वक्फ बोर्ड की संपत्ति विवाद ने पूरे कर्नाटक में हलचल मचा दी थी| नवंबर २०२४ में, भाजपा ने किसानों और मंदिरों की संपत्ति हड़पने के लिए वक्फ बोर्ड और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था| बाद में, बसवराज बोम्मई के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, २०२३ (बीएनएस) की धारा १९६ (१) (ए) (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था| बोम्मई ने मामले को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी|