प्रियांक खड़गे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहे: भाजपा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने के बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा है कि मंत्री प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि देश में स्थिति वर्ष १९७५ जैसी है| भाजपा की कर्नाटक इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर ’एक्स’ पोस्ट के जरिए हमला बोला है|
इसमें कहा गया है कि कलबुर्गी, जिस पर खड़गे ने ५० से ज्यादा सालों तक ’शासन’ किया है, कर्नाटक के सबसे ’अविकसित’ इलाकों में से एक है| प्रियांक खड़गे जो केवल अपने पिता के प्रभाव के कारण मंत्री बने हैं, अब प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहे हैं, जैसे कि सब कुछ १९७५ जैसा हो गया हो| कांग्रेस के कथित अध्यक्ष, हाईकमान मल्लिकार्जुन खड़गे ने आधी सदी तक कलबुर्गी क्षेत्र पर शासन किया|
फिर भी यह कर्नाटक के सबसे अविकसित भागों में से एक है| इसके अलावा, भाजपा ने कहा कि प्रियांक और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों के पास राज्य के विकास में योगदान देने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन उन्होंने अपना समय आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने जैसी कल्पनाओं का पीछा करने में बिताया| प्रियांक खड़गे को लगता है कि वह इस तरह के बयान देकर कर्नाटक के लोगों का ध्यान भटका सकते हैं, लेकिन वह अपने प्रयास में विफल रहे हैं| ठीक वैसे ही जैसे वह पहले पीयूसी में असफल हुए थे|
प्रियांक खड़गे ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्दों पर पुनर्विचार की मांग की थी| यह आरोप लगाते हुए कि आरएसएस भारतीय संविधान को बदलना चाहता है, खड़गे ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने संविधान सभा में बहस के दौरान विरोध प्रदर्शन किया था और संविधान को जलाया था|
होसबोले की हालिया टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मंत्री ने कहा बहुत स्पष्ट रूप से, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने अपने अंतिम भाषण में राष्ट्र-विरोधी लोगों को उन लोगों के रूप में परिभाषित किया है जो जाति लाकर दुश्मनी पैदा करते हैं, और वे लोग जो देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रगति में बाधा डालने जा रहे हैं, वे असली राष्ट्र-विरोधी हैं| वे लोग जो समाज में सांप्रदायिक घृणा के बीज बोते हैं, वे राष्ट्र-विरोधी हैं| अभी ऐसा कौन कर रहा है?