परिवहन कर्मचारियों ने वेतन संशोधन की मांग की
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| परिवहन निगम कर्मियों की संयुक्त कार्रवाई समिति ने चेतावनी दी है कि यदि परिवहन विभाग अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन नहीं करता है तो आने वाले दिनों में पूरे राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा| राज्य सरकार ने महिला मुफ्त यात्रा शक्ति योजना लागू की है, जिसकी लागत २५०० करोड़ रुपये है|
यदि इसे जारी किया जाता है, तो परिवहन निगमों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा| साथ ही कर्मियों के वेतन में संशोधन किया जाना चाहिए| जैसा कि पिछली हड़ताल के दौरान सहमति बनी थी, हरियर रस के ३८ महीने तुरंत जारी किए जाने चाहिए| १ जनवरी, २०२४ से वेतन में २५ प्रतिशत की वृद्धि की जानी चाहिए| इसके अलावा संगठनों ने जोर देकर कहा है कि कर्मियों से जुड़ी कई अन्य मांगें पूरी की जानी चाहिए| इससे पहले ३१ दिसंबर को परिवहन हड़ताल का आह्वान किया गया था|
उस समय मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने कहा था कि वे संक्रांति के बाद सभी मांगों पर सकारात्मक जवाब देंगे| लेकिन इसे लागू नहीं किया गया| १५ अप्रैल को परिवहन निगमों के संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना शुरू किया तो लंबी बैठक हुई| परिवहन निगमों के श्रमिक संगठनों के नेताओं ने कहा कि उन्होंने वहां अपनी मांगें रखी थीं| मांगें पूरी होने की कोई उम्मीद नहीं है| आज अंतिम चरण में एक और दौर की चर्चा होगी| अगर सरकार हमारी मांगें पूरी करती है तो मैं मुख्यमंत्री को बधाई दूंगा और काम जारी रखूंगा| अन्यथा श्रमिक संगठनों के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगले संघर्ष की रूपरेखा पर चर्चा करनी होगी|
पिछली बैठक में परिवहन निगमों ने कहा था कि अगर बस किराया मूल्य में १५ प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति दी जाती है तो कर्मचारियों का वेतन संशोधन संभव हो जाएगा| इसी के अनुरूप बस किराया बढ़ाया गया है| संगठन की आर्थिक स्थिति अच्छी है| कई तरह की भर्तियां भी हो रही हैं| ऐसे में श्रमिक नेताओं ने सवाल उठाया है कि वेतन संशोधन में देरी क्यों की जा रही है|