50 अत्याधुनिक डीप सर्च माइन और मेटल डिटेक्टर

जम्मू कश्मीर पुलिस ने सरकार से मांगे

50 अत्याधुनिक डीप सर्च माइन और मेटल डिटेक्टर

जम्मू08 जुलाई (ब्यूरो)। कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद से निपटने के लिए 50 अत्याधुनिक डीप सर्च माइन और मेटल डिटेक्टर खरीदने का फैसला किया है। पहले ही वह कई नए बुलेटप्रूफ वाहनों के लिए टेंडर निकाल चुकी है। आतंकवाद विरोधी अभियानों को बढ़ाने के लिए एक बड़े कदम के रूप मेंजम्मू कश्मीर पुलिस 50 अत्याधुनिक डीप सर्च माइन और मेटल डिटेक्टर खरीदने जा रही हैजिन्हें गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित तकनीकी विनिर्देशों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।

आधिकारिक निविदा सूचना के अनुसारइम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस और अन्य छिपे हुए खतरों का पता लगाने में सुधार लाने के उद्देश्य से खरीद शुरू की गई है। ये उपकरण क्यू-3 के रूप में चिह्नित योग्यता आवश्यकताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशालय द्वारा अंतिम रूप दिए गए विनिर्देशों के अनुरूप होंगेजिन्हें 2018 में एमएचए द्वारा अनुमोदित किया गया था। इस प्रक्रिया की देखरेख पुलिस अधीक्षकप्रभारी पुलिस सेंट्रल स्टोरसशस्त्र पुलिस परिसरजेवानश्रीनगर द्वारा की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि ये डिटेक्टर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी)छिपे हुए आयुध और धातु आधारित खतरों का सुरक्षित पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैंखासकर घाटी में संवेदनशील और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में।

जम्मू और कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्नत डीप सर्च माइन और मेटल डिटेक्टरों का उपयोग महत्वपूर्ण है। ये उपकरण सड़कों को सुरक्षित करनेतलाशी अभियानों के दौरान छिपे हुए खतरों का पता लगाने और सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों दोनों की सुरक्षा करने की हमारी पुलिस की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि डीएसएमडी से जमीन में पैठ बढ़ाने की क्षमता बढ़ेगीजो राजौरी और पुंछ में एलओसी के जंगलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में माइन का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है। अधिकारी ने बताया कि चयनित उत्पाद को एनएसजी द्वारा तैयार और गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित तकनीकी दस्तावेज के अनुरूप होना चाहिएताकि क्षेत्र की स्थितियों में अंतर-संचालन और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने कहा कि एक बार खरीद लिए जाने के बादडिटेक्टरों को उच्च-खतरे वाले जिलों में वितरित किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रशिक्षित बम निरोधक दस्तों (बीडीएस) और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (क्यूआरटी) के साथ तैनात किया जाएगा। पुलिस अधिकारी बताते हैं कि हमारा ध्यान निवारक कार्रवाई पर है। इन डीएसएमडी को न केवल नियमित सड़क खोलने और काफिले की सुरक्षा के संचालन के दौरान तैनात किया जाएगाबल्कि निर्मित क्षेत्रों और कृषि क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी तलाशी अभियानों के लिए भी अभिन्न अंग होगाजहां आतंकवादी अक्सर दफन कैश का उपयोग करते हैं। उनके अनुसारयह न केवल बम निरोधक दस्ते के कर्मियों के लिए परिचालन सुरक्षा बढ़ाएगाबल्कि सार्वजनिक सुरक्षा के लिए न्यूनतम जोखिम के साथ विस्फोटक खतरों को बेअसर करने की उनकी क्षमता को भी बढ़ाएगा।

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