एक करोड़ 18 लाख के 23 इनामी नक्सलियों का आत्मसमर्पण
छोड़ आए लाल गलियारा
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में नौ महिलाएं भी शामिल
सुकमा, 12 जुलाई (एजेंसियां)। नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों की रणनीति रंग ला रही है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कलेक्टर एलेक्सपाल मेनन के अपहरण में शामिल नक्सली समेत कुल 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। सरेंडर करने वाले माओवादियों में आठ हार्डकोर इनामी नक्सली शामिल हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल एक करोड़ 18 लाख रुपए का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में नौ महिलाएं और 14 पुरुष नक्सली हैं। ये सभी डीकेएसजेडसी, पीएलजीए और मिलिशिया जैसे सक्रिय संगठनों से जुड़े थे। पुनर्वास नीति और नियाद नैलानार जैसी योजनाओं से प्रभावित होकर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इस कार्रवाई में जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ, एसटीएफ और कोबरा बटालियन समेत कई एजेंसियों की बड़ी भूमिका रही। यह सुकमा में शांति और विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद से अब तक हुई 205 मुठभेड़ों में 427 नक्सली मारे गए हैं। मारे गए नक्सलियों में सवा तीन करोड़ के इनामी नक्सली बसवराजू, एक करोड़ की इनामी नक्सली सुधाकर और कई राज्यों में एक करोड़ से ज्यादा के इनामी नक्सली भास्कर भी शामिल है। पिछले डेढ़ साल में 1 हजार 428 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा था, हम 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर के रहेंगे। शाह ने कहा था कि बिहार, झारखंड और ओड़ीशा काफी हद तक नक्सलवाद से मुक्त हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री नक्सलवाद के विरुद्ध चलाए गए अभियानों में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों से भी पिछले दिनों भेंट कर उनका मनोबल बढ़ाया था और 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प दोहराया था।
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