सुरजेवाला मंत्रियों के साथ चर्चा कर स्थिति का करेंगे आकलन
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, जिन्होंने विधायकों से अलग-अलग छह दिन तक राय ली, अब इस महीने की १६ तारीख को मंत्रियों के साथ चर्चा करके स्थिति का आकलन कर रहे हैं| सुरजेवाला के इस कदम पर कांग्रेस पार्टी में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं| सिद्धरामैया राज्य में एक प्रभावशाली नेता हैं, और सुरजेवाला द्वारा कांग्रेस विधायकों से सीधे राय लेना, उन्हें दूर रखना, गहन बहस का विषय रहा है|
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री विधायकों को अपनी राय देने के लिए आसानी से उपलब्ध थे| इसके अलावा, सुरजेवाला ने बैठक क्यों की? क्या यह मुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष की अनुपस्थिति का संदर्भ नहीं है? इसकी आलोचना भी हुई है| सुरजेवाला, विधायकों से चर्चा तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि अब मंत्रियों के साथ अलग से भी परामर्श कर रहे हैं, जिससे बहस और बढ़ गई है| विधायकों से चर्चा के दौरान, उन्होंने कई सवाल उठाए जैसे कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में क्या विकास हुआ है, आगे कैसे विकास किया जाना चाहिए और मंत्री विधायकों को कैसे जवाब दे रहे हैं|
अब पता चला है कि विभागों से संबंधित प्रश्न पत्र मंत्रियों को पहले ही भेज दिए गए हैं| पहले और दूसरे चरण में जब विधायकों के साथ तीन-तीन दिन की अलग-अलग बैठकें हुई थीं, तो कुछ मंत्रियों ने सुरजेवाला से समय देने का अनुरोध किया था| हालांकि, मंत्रियों को समय न देने वाले सुरजेवाला ने कहा था कि वह अगले सप्ताह उनके साथ अलग से बैठक करेंगे| तदनुसार, अब समय तय कर दिया गया है और अधिकांश मंत्रियों को प्रश्न पत्र भेज दिए गए हैं|
उन्हें विभागों द्वारा किए गए विकास कार्यों, नई परियोजनाओं, प्रगति समीक्षा, केडीपी बैठकों, दिशा बैठकों और पार्टी संगठन में मंत्रियों के योगदान के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया गया है| बेंगलूरु पहुँच रहे सुरजेवाला के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के साथ चर्चा करने और निगम-मंडलों की नियुक्ति के लिए विधान परिषद के चार सदस्यों के पदों की अंतिम सूची को अंतिम रूप देने की संभावना है| इस बीच, सुरजेवाला ने कुछ मंत्रियों को हरी झंडी दे दी है और प्रगति की समीक्षा के लिए आगे आए हैं|
मंत्रियों के साथ सुरजेवाला की बैठक ने काफी उत्सुकता पैदा कर दी है| मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समय-समय पर इस मुद्दे पर बैठकें कर रहे हैं| ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सुरजेवाला मंत्रियों की प्रगति की समीक्षा क्यों कर रहे हैं| मुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष पद को लेकर चल रही तीखी बहस को लेकर सुरजेवाला, विधायक, मंत्री आदि विभिन्न स्तरों पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं, जिससे राजनीति में एक बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है|