शराब से यूपी को 56000 करोड़ रुपए का राजस्व

पांच लाख को रोजगार, आईएसडब्लूएआई ने जारी की रिपोर्ट

शराब से यूपी को 56000 करोड़ रुपए का राजस्व

लखनऊ, 14 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आबकारी विभाग ने करीब 56 हजार करोड़ का योगदान दिया हैजो जीडीपी का 2.4 फीसदी है। साथ ही 5.3 लाख लोगों को रोजगार दिया है। इंटरनेशनल स्प्रिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसडब्लूएआई) ने प्रदेश के अल्कोहलिक बेवरेज (एल्कोवेव) उद्योग पर अपनी पहली रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट में राज्य की अर्थव्यवस्थारोजगारकृषिपर्यटन और औद्योगिक विकास में एल्कोबेव उद्योग की भूमिका को रेखांकित किया गया है।

आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में पारदर्शिता को अपनाकरएकाधिकार को समाप्त करडिजिटल सेवा और निवेशक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दिया गया है। एसोसिएशन के सीईओ संजीत पाधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आर्थिक पावरहाउस के रूप में बदल रहा है। एसोसिएशन के क्षेत्रीय निदेशक परविन्दर सिंह ने कहा कि बियर और अंग्रेजी शराब की कंपोजिट दुकानों का प्रस्ताव इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सहित अन्य संगठनों ने दिया था। अब इन कंपोजिट दुकानों में देशी शराब को भी शामिल किया जाए। इससे राजस्व में कम से कम 15 फीसदी की वृद्धि होगी और नकली व मिलावटी शराब पर नकेल कसेगी। यूपी में देशी शराब की सालाना वृद्धि 12 फीसदी और विदेशी शराब की करीब 6 फीसदी है।

देश में शराब के साथ अब लोग सेहत का भी ध्यान रख रहे हैं। यही वजह है। कि शराब की 52 प्रतिशत खपत के बाद बीयर की 48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वहींअभी केवल 0.4 प्रतिशत की खपत वाली वाइन इंडस्ट्री हर साल 3-4 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ रही है। विदेशी बाजारों में जहां वाइन का बोलबाला हैवहीं भारत में यह उभरता हुआ विकल्प बन रहा है। अगर सरकारी नीतियों का साथ मिले तो प्रदेश में वाइन इंडस्ट्री फल फूल सकता है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आईजीपी में आयोजित एक सम्मेलन में उद्यमियों ने कहा कि महाराष्ट्रकर्नाटकसिक्किम की तरह यूपी में भी माइक्रोवेवरीजीरो अल्कोहल बीयरव डोर स्टेप डिलीवरी की सुविधा दी जाए। साथ हीअन्य राज्यों में भेजने पर लगने वाला 150 प्रतिशत टैक्स खत्म कर निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही गई।

इंटरनेशनल स्प्रिट्स एंड वाइन एसोसिएशन में टैक्स एडवाइजर सुरेश मेनन का कहना है कि वाइन के क्षेत्र में सरकार को स्पष्ट नीति बनाने की जरूरत है। कर्नाटक की तरह साल में एक ही दुकानदार को लाइसेंस का रिन्यू करना चाहिए। माधवेंद्र देव सिंह का कहना है कि माल ब्लाक में हाल ही में वाइन की इंडस्ट्री लगाई है। आमशहतूतनींबूपुदीना और शहद के मिश्रण से वाइन बनेगी। अगले एक महीने में बाजार में उत्पाद लॉन्च हो जाएगा। ग्लोबल स्पिरिट्स लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमिताभ सिंह का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में शराब में इस्तेमाल होने वाली एल्कोहल की शुद्धता बढ़ी हैजिससे सेहत को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है। स्पिरिट बाजार और आगे बढ़ेगा। उद्यमी अश्विन रोड्रिग्स का कहना है कि यूपी में आमकेलाअमरूद बहुतायत में हैजिसके पल्प से वाइन बन सकती है। महाराष्ट्र की तरह यूपी में एक्शन प्लान बनाया हैजिसे आबकारी विभाग को सौंपा गया है।

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